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11 दिन बाद मुकदमा, अब अंधेरे में तीरंदाजी

संवाद सहयोगी रानीखेत पर्यटन नगरी में सरेबाजार बच्ची को बदनियति से उठा ले जाने व छेड़छाड़ संबं

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Jun 2019 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 06:46 AM (IST)
11 दिन बाद मुकदमा, अब अंधेरे में तीरंदाजी
11 दिन बाद मुकदमा, अब अंधेरे में तीरंदाजी

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्यटन नगरी में सरेबाजार बच्ची को बदनियति से उठा ले जाने व छेड़छाड़ संबंधी अतिसंवेदनशील मुद्दे पर पुलिस की सुस्ती पर माहौल फिर अशात होने लगा है। वारदात के 11 दिन बाद मुकदमे और अब दस दिन बाद भी संदिग्ध की गिरफ्तारी तो दूर सुराग तक न लगा पाने से खाकी के खिलाफ गुस्सा बढ़ने लगा है। संयुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष यह मामला उठा चुके विभिन्न संगठनों के लोगों ने अब आदोलन की चेतावनी दे डाली है।

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नगर की खड़ी बाजार क्षेत्र में बीती नौ जून की शाम छह वर्षीय बालिका से छेड़छाड़ प्रकरण पर बेशक पुलिस ने मीडिया में मामला उछलने के बाद 11 दिन बाद मुकदमा दर्ज कर लिया। मगर कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर ही है। हालिया विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने पुलिसिया कार्यप्रणाली के खिलाफ संयुक्त मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह भंडारी से भी शिकायत की थी। पाच दिन के भीतर आरोपित की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दिया था। मगर कुछ नहीं हुआ।

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मातृशक्ति भी मुखर, कप्तान के समक्ष उठेगा मुद्दा

सभासद बिंदु रौतेला ने कहा कि खाकी के सुस्त रवैये से पीड़ित परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा। ऐसे में चुप नहीं बैठा जा सकता। व्यापार मंडल उपसचिव मनोज पंत ने कहा कि 21 दिन बाद भी आरोपित का पता न लगा पाना पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा। अब बच्ची को न्याय के लिए जनादोलन ही विकल्प है। जिला मीडिया प्रभारी कामरान कुरैशी, सदस्य महिला उत्पीड़न सेल च्योति शाह मिश्रा, संस्कृति कर्मी विमला रावत, व्यापार मंडल उपाध्यक्ष सीमा जसवाल, मोहिनी गुप्ता आदि ने भी आदोलन की चेतावनी दी है। कहा कि यह संवेदनशील मामला एसएसपी के सामने उठाएंगे।

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ये था पूरा मामला

खड़ी बाजार क्षेत्र में सात वर्षीय बेटी शाम करीब छह बजे एक बच्चे के साथ घर के पास ही खेल रही थी। एक संदिग्ध पहुंचा। बालिका को साथ ले गया। चंद कदम दूर प्रसाधन केंद्र में छेड़छाड़ शुरू कर दी। अश्लीलता बढ़ी तो बच्ची चंगुल से छूट भाग कर घर पहुंची। आपबीती पिता को बताई। शाम सात बजे पिता तहरीर लेकर कोतवाली गया मगर बैरंग लौटा दिया गया। पीडि़त कोतवाली के चक्कर काटता रहा पर उसकी सुनी नहीं गई। 'जागरण' में मामला उछला तो विभिन्न संगठनों के लोग सियासी सरहदें तोड़ बच्ची को न्याय के लिए लामबंद हो गए।


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