प्रश्न पहर : छुट्टा पशुओं से शहर को मिलेगी निजात, मालिकों पर होगी एफआइआर
एक ओर भीषण गर्मी दूसरी ओर नगरीय सुविधाओं में कमी या उनकी बदतर स्थिति।
वाराणसी, जेएनएन। एक ओर भीषण गर्मी, दूसरी ओर नगरीय सुविधाओं में कमी या उनकी बदतर स्थिति। लीकेज के साथ दूषित पेयजल आपूर्ति, तो गली -गली सीवर ओवरफ्लो और मलजल से भरी गलियों ने लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा रखी है, तो डोर-टू-डोर कूड़ा उठान बंद है। जिससे संक्रामक बीमारियों ने अस्पताल के खर्चे बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा कई गलियां या सड़कें ऐसी हैं, जहां की स्ट्रीट लाइटें या तो गायब हैं या फिर खराब। प्रश्न पहर के तहत रविवार को दैनिक जागरण ने अपने पाठकों को इन समस्याओं के बारे में नगर आयुक्त से सवाल करने का मौका तो दिया ही, उन्हें इससे जागरूक भी किया।
नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी से पाठकों ने पेयजल, सीवर, स्ट्रीट लाइट, कचरा प्रबंधन आदि से संबंधित सवाल पूछे, जिनका उन्हें संतोषजनक जवाब भी मिला। नगर आयुक्त ने बताया कि सीवर ओवरफ्लो के साथ ही यातायात के लिए पशुपालक बड़ी समस्या बने हुए हैं। एक सर्वे के अनुसार शहर में छोटी-बड़ी कुल 598 डेरियां थीं। सख्ती के कारण इनमें से कई या तो शहर के बाहर चली गई या फिर बंद हो गई। 2016 के एक सर्वे के अनुसार कुल 120 डेरियां बंद हुई। शहरी सीमा से बाहर वीडीए ने 1310 पशुओं के लिए कैटल कॉलोनी विकसित की। इसके अलावा कुल 20 तालाबों-कुंडों को कब्जे से मुक्त करा पुनरुद्धार कराया जाएगा। इसमें 10 का कायाकल्प नगर निगम करेगा शेष 10 की जिम्मेदारी वीडीए की होगी।
- पशुपालकों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई सड़कों के किनारे की छोटी-मोटी डेयरी तो हटा ली गई हैं, लेकिन सघन आबादी व गलियों में संचालित डेरी अब भी बदस्तूर संचालित हैं। फोर्स संग गलियों में जाकर इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो एफआइआर भी दर्ज होगी। इसे लेकर दो बार बैठक की जा चुकी है, लेकिन चुनाव की वजह से मामला लंबित था। न्यायालय के आदेशानुसार मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई कर 30 जून से पहले कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी है।
-भैरोनाथ-पंचगंगा गली होगी ठीक गोविंद जी नायक लेन से दूध विनायक होते पंचगंगा घाट तक जाने वाली करीब 150 मीटर की गली लंबे समय से जर्जर है। जहां-तहां कूड़ा पड़ा रहता है और पशु विचरण करते हैं। इस पर नगर आयुक्त ने दो-चार दिन में गलियों का निरीक्षण कर समस्या निस्तारित करने की बात कही।
-बांसफाटक का लीकेज तीन दिनों में होगा दुरुस्त पानी की बर्बादी को लेकर नगर आयुक्त सख्त दिखे। उन्होंने पाठकों के सवालों के जवाब में ठोस भरोसा दिया। बांसफाटक क्षेत्र में कई माह से लीकेज है जिसकी शिकायत जागरण के पाठक ने कई बार की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। प्रश्न पहर के दौरान पाठक ने नगर आयुक्त से समस्या के निदान की मांग करते हुए हीलाहवाली की ओर इशारा किया। नगर आयुक्त ने कहा कि यदि तीन दिनों के अंदर बांसफाटक का लीकेज दुरुस्त नहीं होता तो सूचित करें। संबंधित के खिलाफ निश्चित कार्रवाई होगी।
-खोदी गई सड़क व गली का होगा निर्माण वरुणापार इलाके में सीवर लाइन के लिए सड़क और गली खोद देने की शिकायतें आई। बताया गया कि कहीं एक साल तो कहीं छह माह से गली व सड़क को खोद कर छोड़ दिया गया है। घरों में सीवर लाइन का कनेक्शन भी नहीं किया गया है। खोदाई के कारण आने-जाने में परेशानी हो रही। नगर आयुक्त ने समस्या के निदान को गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसरों को निर्देशित करने का भरोसा दिया।
इन्होंने पूछे सवाल : शुभेंदु गुप्ता-मीरबाग, कमला मिश्रा-साकेत नगर कालोनी, बिलाल अहमद-लहंगपुरा, मनोज मिश्रा-दूध विनायक, विकास-सोनारपुरा, प्रमोद कुमार सिंह-राजर्षि नगर कालोनी, मो. कासिम-नवाबगंज, कौशल सिंह- सोनिया, राजेंद्र कुमार वर्मा-औरंगाबाद, अनीता वर्मा-कुंती विहार कालोनी, डा. एसएन दुबे-कैवल्यधाम एक्सटेंशन, विजय नारायण सिंह-गोदौलिया, सेनापति ओझा -लंका, अजय सिंह-इंग्लिशिया लाइन, आवेश कुमार सेठ-बड़ी पियरी, मंजू शुक्ला-मकबूल आलम रोड, अशोक कुमार-शिवरतनपुर, पीयूष-कतुआपुरा, बृजेश गुप्ता-पांडेयपुर, अंशुमान मालवीय -महमूरगंज, अनुराग गुप्ता-टकटकपुर, डा. देवानंद पांडेय-संजय अपार्टमेंट, शशिकांत तिवारी-मलदहिया।
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