अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर शिवलिंग बेस कैंप पर किया योगाभ्यास
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर पर्वतारोहण केंद्र बीएचयू के दल ने उत्तराखंड के शिवलिंग पर्वत के बेस कैंप पर योगाभ्यास किया।
वाराणसी, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर पर्वतारोहण केंद्र, बीएचयू के दल ने उत्तराखंड के शिवलिंग पर्वत के बेस कैंप पर योगाभ्यास किया। यह शिविर समुद्र तल से करीब 14640 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ज्ञात हो कि चार जून को यह दल बीएचयू से रवाना हुआ था। उत्तरकाशी, गंगोत्री आदि स्थानों पर होने के बाद दल का अंतिम पड़ाव शिवलिंग बेस कैंप था। दल ने यहां तिरंगा लहराया। इसके बाद योगाभ्यास किया। विवि पर्वतारोहण केंद्र के एडवांस माउंटेनिय¨रग कोर्स के छात्र-छात्राओं समेत दल में कुल 17 सदस्य शामिल हैं।
योग ने फिर से बुलंद कर दी आवाज : कभी उनकी दहाड़ से पड़ोसी भी हिल जाते थे। उनकी धीमी आवाज भी घर में गूंज जाती थी। लेकिन यह आवाज धीरे-धीरे कम होने लगी। एक समय ऐसा आया कि दहाड़ मारने वाली आवाज को पास बैठे बच्चे भी नहीं सुन पाते। नौबत यहां तक आ गई कि सिटी या ताली बजाकर अपनी बात कहनी पड़ती थी। यह कहानी है गायत्री नगर पांडेयपुर निवासी एवं माइंस में जीएम रहे अवध नारायण यादव की। उनकी आवाज जरूर मधीम हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और योग करने लग। योग ने फिर से उनकी आवाज बुलंद कर दी। वर्ष 2005 में उनके गले में कोई दिक्कत आ गई, जिसके कारण आवाज ही बंद हो गई। उनको अपनी दिनचर्या में भी काफी परेशानी होने लगी।
तमाम इलाज कराने के बाद परेशान होकर परिजन उन्होंने रांची के मेडिकल कालेज ले गए। वहां चिकित्सक ने स्पष्ट कर दिया कि बिना आपरेशन के कोई गुंजाइश नहीं है। हार कर वे होम्योपैथ की शरण में गए। यहां से थोड़ा आराम मिला। इसके बाद वे फरवरी 2008 से योग करने लगे और नवंबर 2009 तक उनकी आवाज लौट आई। योग के ही दम पर 2010 में वह पूरी तरह ठीक हो गए। आज 75 साल की उम्र में भी नियमित योगा करते हैं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप