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11 साल के आशुतोष की जुबान पर यजुर्वेद, इनके वेदमंत्र से प्रभावित हो गए थे मुख्यमंत्री योगी

गाजीपुर के 11 साल के आशुतोष दुबे की जुबान पर यजुर्वेद इनके वेदमंत्र से प्रभावित हो गए थे मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 09:46 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 09:55 AM (IST)
11 साल के आशुतोष की जुबान पर यजुर्वेद, इनके वेदमंत्र से प्रभावित हो गए थे मुख्यमंत्री योगी
11 साल के आशुतोष की जुबान पर यजुर्वेद, इनके वेदमंत्र से प्रभावित हो गए थे मुख्यमंत्री योगी

गाजीपुर, जेएनएन। जिले को यूं ही ज्ञानियों और वीरों की धरती नहीं कहा जाता। खेलने और खाने की 11 साल की उम्र में करंडा के ब्राह्मणपुरा निवासी आशुतोष दुबे ने वह कमाल कर दिखाया जिसकी बड़े से बड़ा ज्ञानी कल्पना भी नहीं कर सकता। अपने ननिहाल मरदह के सिंगेरा में रहकर जखनियां स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ में न सिर्फ ज्ञान अर्जित कर संस्कृत विद्वता प्राप्त की, बल्कि यर्जुवेद से पूरी तरह कंठस्थ है। लोग इस होनहार का लोहा मानते हैं, दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं।

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हथियाराम मठ के गुरुकुल में शिक्षा ले रहे करंडा ब्लाक के ब्राह्मणपुरा निवासी 11 वर्षीय आशुतोष दुबे सबसे होनहार शिष्य हैं। 11 वर्ष के अल्य आयु में बहुतों को शुद्ध हिंदी का भी ज्ञान नहीं होता है, लेकिन आशुतोष ना सिर्फ फर्राटे से संस्कृत बोलते हैं बल्कि यजुर्वेद के ज्ञाता भी हैं। इनके वेदमंत्र से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रभावित हैं। 18 जून 2019 को अपने आवास पर उन्होंने अंगवस्त्र देकर सम्मानित कर ज्ञान की मुक्तकंठ से सराहना की थी। आशुतोष दुबे माता-पिता व मामा का हथियाराम मठ से काफी लगाव है। इनके बड़े पिता परमानंद द्विवेदी एलएलबी के साथ ही कर्मकांड के भी अच्छे जानकार हैं। उनकी संगत में रहकर आशुतोष को भी संस्कृति से लगाव सा हो गया। इसे देखते हुए आशुतोष के मामा चंद्रमणी पांडेय 2018 में इनको गुरुकुल भेज दिए। तब से आशुतोष पूरी तन्मयता से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मात्र एक वर्ष में ही आशुतोष को संस्कृत व वेदमंत्र की अच्छी जानकारी हो गई। मठ के महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति जी महाराज आशुतोष के गुरु हैं। संस्कृत और व्याकरण की शिक्षा इनको गुरुकुल के गुरु सोमनाथ पोखरैल देते हैं। पिता ब्रह्मानंद द्विवेदी एक निजी स्कूल में कर्मी हैं।

भोर में ही छोड़ देते हैं आसन

अल्प आयु में भी आशुतोष प्रतिदिन चार बजे भोर में जग जाते हैं। स्नान कर एक घंटे की आरती में भाग लेते हैं। सुबह-शाम दोनों पहर पांच से छह बजे तक एक घंटा ध्यान करते हैं। सुबह आठ से 12 और शाम को तीन से पांच बजे तक पढ़ाई करते हैं। इसके बाद भी रात में आशुतोष अध्ययन करते रहते हैं। बताया कि हम आचार्य करना चाहते हैं। इनके गुरुकुल में कुल 20 बच्चे में जिसमें आशुतोष सबसे कुशल हैं।

भवानीनंदन जी साथ लेकर गए थे सीएम के पास

हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति जी महाराज मुख्यमंत्री से मिलने गए थे तो आशुतोष दुबे को साथ लेकर गए थे। आशुतोष जब सीएम से मिले तो वेदमंत्र का शानदार प्रस्तुतीकरण किया। इससे सीएम योगी काफी प्रभावित हुए। 18 जून 2019 को ट्वीट कर लिखा था कि गाजीपुर के सिद्धपीठ हथियाराम मठ के बाल विद्वान आशुतोष दुबे से मिलकर उन्हें अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। इतनी कम उम्र में ही संस्कृत भाषा के पांडित्य प्राप्त करने लेने वाले आशुतोष दुबे का संस्कृत ज्ञान सराहनीय, प्रेरक और अनुकरणीय है।


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