पतंग की डोर पर यमराज कर रहे सवारी, जानिए क्या है मकर संक्रांति पर प्रशासनिक तैयारी
पतंगबाजी का दौर अभी से शुरू हो चुका है और साथ ही पतंगों को लूटने से लेकर चाइनीज मंझे से होने वाले हादसे भी कम नहीं हैं। नए वर्ष में वन विभाग की ओर से भी पत्र लिखकर प्रशासन को चाइनीज मंझाें के रोकथाम की अपील की गई है।
वाराणसी, जेएनएन। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का दौर अभी से शुरू हो चुका है और साथ ही पतंगों को लूटने से लेकर चाइनीज मंझे से होने वाले हादसे भी कम नहीं हैं। नए वर्ष में वन विभाग की ओर से भी पत्र लिखकर प्रशासन को चाइनीज मंझाें के रोकथाम की अपील की गई है। वहीं पत्र मिलने के बाद से ही जिला प्रशासन सक्रियता से पतंगों की उड़ान थामने में लग गया है।
चाइनीज मंझा आसमान में उड़ने वाले पक्षियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। मकर संक्रांति आते ही सभी लोग पतंगबाजी करने लगते हैं। खासकर ऊंचे मकानों पर लोग पतंगबाजी करते हैं, ऐसे में चाइनीज मंझे से उनके पंख कटने के साथ अन्य स्थानों को नुकसान पहुचाते है और वह चोटिल होकर जमीन पर गिर जाते हैं। जबकि पेड़ों और भवनों में धागों के फंसे गुच्छे में कई परिंदे दम तोड़ते रहे हैं। इसकी वजह से वन विभाग ने भी काशी क्षेत्र में परिदों की स्वछंद परवार सुनिश्चित करने की तैयारी शुरू की है।
कभी नवाबों या राजशाही पतंगबाजी की प्रतियोगिता खुले स्थानों पर देखने को मिलती थी। मगर अब लोग खुले स्थान पर नहीं उड़ा कर ऊंचे मकानों पर चढ़कर पतंगबाजी करते हैं। लोगों को पतंगबाजी करने में मजा तो आता है लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि उनकी पतंग में लगा चाइनीज मंझा किसी की जान ले सकती है। चाइनीज मंजे से आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं। वहीं आसमान में उड़ने वाले पक्षी के लिए भी अब यह खतरनाक हो गए हैं। चाइनीज मंजे को लेकर वन विभाग कई बार आपत्ति जता चुका है फिर भी लोगों के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इस बाबत प्रभागीय वनाधिकारी महावीर का कहना है कि अपनी खुशी के लिए दूसरों की जान नहीं ली जा सकती है। कुछ लोग पतंगबाजी करने के साथ चाइनीज मंझे का इस्तेमाल करते हैं जो ठीक नहीं है।