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विश्व अभिलेख दिवस : गजेटियर में सामने आएगा मीरजापुर का रोचक इतिहास, 226वें स्थापना दिवस से पहले होगा पुन: प्रकाशन

मीरजापुर जिले की स्थापना 30 सितंबर 1795 को हुई थी। इस साल इसके 226वें स्थापना दिवस से पहले ऐतिहासिक मीरजापुर गजेटियर का पुनप्र्रकाशन होगा। इससे उसका रोचक इतिहास सामने आएगा। इसके लिए विंध्याचल ओरिएंटल सीरिज प्रकाशन की स्थापना की गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 05:34 PM (IST)
विश्व अभिलेख दिवस : गजेटियर में सामने आएगा मीरजापुर का रोचक इतिहास, 226वें स्थापना दिवस से पहले होगा पुन: प्रकाशन
इस साल इसके 226वें स्थापना दिवस से पहले ऐतिहासिक मीरजापुर गजेटियर का पुनप्रकाशन होगा।

मीरजापुर [सतीश रघुवंशी] । मीरजापुर जिले की स्थापना 30 सितंबर 1795 को हुई थी। इस साल इसके 226वें स्थापना दिवस से पहले ऐतिहासिक मीरजापुर गजेटियर का पुनप्रकाशन होगा। इससे उसका रोचक इतिहास सामने आएगा। इसका लेखन एल ड्रेक-ब्राकमैन ने वर्ष 1911 में किया था। इसके लिए विंध्याचल ओरिएंटल सीरिज प्रकाशन की स्थापना की गई है। मंडलायुक्त योगेश्वरराम ने प्रभाश्री ग्रामोदय सेवा आश्रम देवगढ़ के सचिव डा. जितेंद्र कुमार सिंह संजय के नेतृत्व में आए शिष्ट मंडल के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया। उनहोंने बताया कि मीरजापुर की धार्मिकता व ऐतिहासिकता को लेकर जीवंत व रोचक शैली में गजेटियर का पुनर्लेखन कराया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जिले के पुराने रिकार्ड को संरक्षित किया जा सके। इसके साथ ही 1795 में कैप्टन जेटी ब्लंट द्वारा लिखी पुस्तक 'नरेटिव आफ ए रूट फ्राम द चुनारगढ़ टू येरनागूदुं इन द एलोर सरकार व 1915 में लिखित ई. बेनेट की पुस्तक 'बड़हर राज केस जजमेंट' एवं 1847 में क़ाजी मुहम्मद शरीफ की पुस्तक 'तवारीख-ए-भदोही' के भी पुनप्र्रकाशन का निर्णय लिया गया है। इन आधार ग्रंथों के प्रकाशन के साथ ही मीरजापुर, सोनभद्र व भदोही का इतिहास हिंदी व अंग्रेजी में प्रकाशित होगा।

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1881 से शुरू हुई कहानी : मीरजापुर गजेटियर के लेखन व संपादन की कहानी वर्ष 1881 में इंपीरियल गजेटियर आफ इंडिया के प्रकाशन के साथ प्रारंभ हुई। इसे डब्ल्यूडब्ल्यू हंटर ने लिखा और टर्बनर एंड कंपनी लंदन ने प्रकाशित किया। इस पुस्तक में मीरजापुर (खंड छह, पृष्ठ 390-396) का संक्षिप्त परिचय है। 1885 में डब्ल्यू ग्रियर्सन जैक्सन ने मीरजापुर गजेटियर को एक स्वतंत्र पुस्तक के रूप में लिखा और एफएच फिशर ने इसका संपादन किया। इसके बाद डीएल ड्रैक-ब्राकमैन ने 1911 में दूसरी बार मीरजापुर गजेटियर का लेखन और संपादन किया, जो सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ।

गदर के पूर्व तक का इतिहास : मीरजापुर के इतिहास की दृष्टि से वरिष्ठ आइसीएस अधिकारी डगलस देवार की गवर्नमेंट प्रेस इलाहाबाद से वर्ष 1920 में प्रकाशित पुस्तक ए हैंड-बुक आफ द इंग्लिश प्रि-म्यूटिनी रिकार्ड्स इन द गवर्नमेंट रिकार्ड्स रुम्स आफ युनाइटेड प्राविंसेस आफ आगरा एंड अवध महत्वपूर्ण है। इस पुस्तक के अध्याय 32 एवं 33 में मीरजापुर की स्थापना से लेकर गदर के पूर्व तक का इतिहास है। इसी पुस्तक से पता चलता है कि मीरजापुर की स्थापना 30 सितंबर 1795 को हुई थी। यह पुस्तक वर्तमान में अनुपलब्ध है।

डा. जितेंद्र करेंगे मीरजापुर गजेटियर का संपादन व प्रकाशन : विंध्याचल ओरिएंटल सीरीज के प्रधान संपादक की हैसियत से आयुक्त योगेश्वरराम मिश्र ने डा. जितेंद्रकुमार सिंह संजय को मीरजापुर गजेटियर के संपादन व प्रकाशन का दायित्व सौंपा। निर्णय लिया गया कि गजेटियर के इस संस्करण में डीएल ड्रैक-ब्राकमैन के संपादित संस्करण को यथावत प्रकाशित किया जाएगा।


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