World Milk Day : गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए दूध है जरूरी : राष्ट्रीय डेयरी विज्ञान अकादमी
विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर बहुमुखी पोषक तत्वों से भरपूर आहारों में से एक दूध की महत्ता पर बीएचयू में एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ। दुनिया में डेयरी फार्मिंग को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से वेबिनार में 850 से अधिक प्रतिभागियों और दुग्ध विज्ञानियाें ने भाग लिया।
वाराणसी, जेएनएन। विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर बहुमुखी पोषक तत्वों से भरपूर आहारों में से एक दूध की महत्ता पर बीएचयू में एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ। दुनिया में डेयरी फार्मिंग को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से हुए इस वेबिनार में 850 से अधिक प्रतिभागियों और दुग्ध विज्ञानियाें ने भाग लिया। विश्वविद्यालय के डेयरी विज्ञान और खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. डीसी राय ने कहा कि यह दैनिक आहार में दूध और डेयरी उत्पादों को सम्मिलित करने के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने का दिन है।
एनएडीएसआई (राष्ट्रीय डेयरी विज्ञान अकादमी) के अध्यक्ष प्रो. ए के श्रीवास्तव ने कहा कि दूध विटामिन, खनिज और प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को कम करने के लिए यह प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ ऊर्जा की आपूर्ति करता हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन बी 12, प्रोटीन और वसा सहित अनेक तत्व निहित हैं। दूध और इसके उत्पाद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं, जिसकी जरूरत कोविड-19 महामारी में है। वैज्ञानिक जांचों ने दूध के पोषक तत्वों के रोग-निवारक क्षमता या कम करने वाले गुणों को प्रमाणित किया है। उन्होंने वसा और चीनी के स्तर को कम करने के लिए फॉर्मूलेशन और प्रक्रियाओं में परिवर्तन कर डेयरी उत्पादों के नए रूपों को सामने लाने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डेयरी प्रोबायोटिक फूड अब 21वीं सदी की औषधि होगी।
फंक्शनल डेयरी खाद्य पदार्थों के सेवन जरूरी
एनएडीएसआई के सचिव डॉ. आर के मलिक ने कहा कि हमारा काम डेयरी उद्योग की समस्याओं के समाधान, इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों सहित डेयरी में वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान को प्रोत्साहन देना है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ मंगला राय ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में फंक्शनल डेयरी खाद्य पदार्थों के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति का विस्तार होता है। इससे न केवल कोविड-19 जैसे महामारी का सामना किया जा सकता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों जैसे- मधुमेह, वसा जनित हृदय रोग, मोटापा, उक्त रक्तचाप, अवसाद आदि की रोकथाम भी की जा सकती है। कार्यक्रम में आइसीएआर के एडीजी डॉ. एके त्यागी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन, संयोजन बीएचयू के डा. अभिषेक दत्त त्रिपाठी, तरुण वर्मा और मॉडरेट डॉ. छाया गोयल ने किया।