World Fishery Day : 21 नवंबर को काशी में मछुआरों की होगी जुटान, करोबार को मिलेगी उड़ान
काशी में पहली बार विश्व मत्स्य दिवस (21 नवंबर) पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा। इस समारोह में प्रगतिशील मछुआरों को जहां प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा वहीं कारोबार को नई उड़ान भी मिलेगी। इस दिवस पर आयोजित समारोह में मछुआरों को आय दोगुनी करने के लिए विशेषज्ञ टिप्स देंगे।
वाराणसी, जेएनएन। काशी में पहली बार विश्व मत्स्य दिवस (21 नवंबर) पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा। इस समारोह में प्रगतिशील मछुआरों को जहां प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा वहीं कारोबार को नई उड़ान भी मिलेगी। इस विशेष दिवस पर आयोजित समारोह में मछुआरों को आय दोगुनी करने के लिए विशेषज्ञ टिप्स देंगे। साथ ही कारोबार में आ रही परेशानियों को भी सुनेंगे-गुनेंगे और समस्या हल की राह निकालेंगे। पशुधन एवं मत्स्य विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, प्रमुख सचिव भुवनेश कुमार के अलावा जाने-माने उद्यमी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में प्रदेश स्तर के इस कार्यक्रम को कराने का मुख्य उद्देश्य पूर्वांचल को मत्स्य पालन का हब बनाने की तैयारी माना जा रहा है। शासन ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि इस कारोबार के लिए वाराणसी मंडल मुफीद क्षेत्र है। इस दिशा में यहां पहले से भी काम तेजी से हो रहा है। शासन का मानना है कि मत्स्य पालन किसानों की आय दोगुनी करने में सर्वाधिक कारगर है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कमिश्नर दीपक अग्रवाल करेंगे।
कमिश्नर पहले ही कलक्टरों को कर चुके हैं अलर्ट
कमिश्नर ने मंडलीय समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया था कि मत्स्य पालन योग्य समस्त नए तालाबों का पट्टा करने के साथ ही पुराने के नवीनीकरण कराया जाए। मत्स्य सीडङ्क्षलग भी आय का अच्छा स्रोत है। इसमें 11 पैसे का सीड 90 दिन में 1.40 रुपये की हो जाती है। लाखों की संख्या में इसका प्रोडक्शन कर आमदनी बढ़ायी जाए। मंडल के हर जिले में किसानों के कम से कम दस एफपीओ बनवाएं। विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें। नई तकनीकी के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं। मार्केङ्क्षटग की जानकारी दें ताकि इस क्षेत्र को हब बनाया जा सके।
प्रदेश स्तर का यह कार्यक्रम कमिश्नरी सभागार में 21 नवंबर को सुबह साढ़े दस बजे से होगा
प्रदेश स्तर का यह कार्यक्रम कमिश्नरी सभागार में 21 नवंबर को सुबह साढ़े दस बजे से होगा। कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बहुत ज्यादा भीड़ नहीं होगी। चुनिंदा मछुआरों के साथ डेढ़ से दो सौ लोगों की मौजूदगी होगी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को विशेष दिवस पर सम्मान करना है। साथ ही इस दिवस को यादगार बनाना है।
- एनएस रहमानी, उप निदेशक मत्स्य
प्रमुख बिंदु
-वर्तमान में मंडल में 200 करोड़ मछली उत्पादन
-पचास करोड़ का आयात व 20 से 25 करोड़ का निर्यात
-सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 1.07 फीसद का योगदान
-27 फीसद प्रोटीन मानव को उपलब्ध कराती है मछली