विश्व बैंक की एमडी अंशुला कांत बोलीं- शिक्षा, स्वास्थ्य को बढ़ावा व गरीबी दूर करना ही लक्ष्य
बीएचयू के प्रबंध शास्त्र संस्थान में मंगलवार को छात्र परिचय समारोह में विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक अंशुला कांत ने छात्रों को संबोधित किया।
वाराणसी, जेएनएन। विश्व बैंक की नवनियुक्त प्रबंध निदेशक व मुख्य वित्त अधिकारी अंशुला कांत ने कहा कि भारत गरीब देश तो नहीं है लेकिन यहां गरीबों की बड़ी संख्या है। गरीबी कम कर उन्हें मुख्य धारा से जोडऩा होगा। दुनिया से गरीबी दूर करने के साथ ही साथ स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करना ही मेरा लक्ष्य है। बताया कि अभी एक से दो महीने के बीच प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण करुंगी। वह मंगलवार को बीएचयू के प्रबंध शास्त्र संस्थान में आयोजित छात्र परिचय समारोह को संबोधित करने के बाद मीडिया से मुखातिब थीं।
कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अब भी काफी सुधार की जरूरत है। सरकार और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दोनों मिलकर इस क्षेत्र में बहुत काम कर रहे हैं। इसके लिए एसबीआइ अपने दो लाख कर्मचारियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दे रहा है। प्रशिक्षण का एक चरण पूरा हो चुका है और अब दूसरे की बारी है। नान परफार्मिंग असेट्स (एनपीए) के सवाल पर उन्होंने कहा कि बैंकों के एनपीए में काफी कमी आई है। सरकार भी एनपीए को कम करने के लिए काम कर रही है। बैंक साल्वेंसी और करप्शन कोड बिल के द्वारा एनपीए को काफी हद तक कम किया जाएगा और कंपनियों पर करवाई की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में उद्योगों को और बढ़ाने की जरूरत है ताकि यहां के युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने विश्व बैंक के प्रबंध निदेशक नियुक्त होने के बाद भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व बैंक का उद्देश्य गरीबी और असमानता को कम करना है। मेरा उद्देश्य इसी नीति पर चलने का है। अफ्रीका के देशों में गरीबी की स्थिति सुधारने पर कार्य किया जाएगा।
बताई भविष्य की योजनाएं
काशी की बहू एवं विश्व बैंक की नवनियुक्त प्रबन्ध निदेशक व मुख्य वित्त अधिकारी अंशुला कान्त मंगलवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रबंध शास्त्र संस्थान में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचीं थी। इस दौरान उनहोंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद काशी की तस्वीर काफी बदली है। घाटों और सड़कों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। वाराणसी में इण्डस्ट्री को और बढ़ाने की जरूरत है जिससे यहां के युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने वर्ल्ड बैंक के प्रबंध निदेशक नियुक्त होने के बाद भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व बैंक का उद्देश्य गरीबी और असमानता को कम करना है। मेरा उद्देश्य इसी नीति पर चलने का है।अफ्रीका के देशों में गरीबी की स्थिति सुधारने पर कार्य किया जाएगा।
बैंकों की स्थिति में सुधार जरूरी
भारत गरीब देश तो नहीं है लेकिन यहां गरीबों की एक अच्छी संख्या है जिसको कम करके मुख्य धारा से जोड़ना मेरी प्राथमिकता रहेगी। बताया कि दुनिया भर में गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा को सुधारने के क्षेत्र में प्रयास किया जाएगा। अभी एक से दो महीने में प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण करेंगी, उन्होंने यह भी बताया कि भारत मे भी बैंकिंग क्षेत्रो में अभी भी काफी सुधार की आवश्यकता है। सरकार और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस क्षेत्र में काफी काम कर रहे हैं। जिसके लिए एसबीआइ अपने दो लाख कर्मचारियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दे रहा इसका एक चरण पूरा हो चुका है। एनपीए के सवाल पर उन्होंने कहा कि बैंकों के एनपीए में काफी कमी आयी है। सरकार भी एनपीए को कम करने के लिए काफी काम कर रही है। बैंक साल्वेंसी और कररप्शन कोड बिल के द्वारा एनपीए को काफी हद तक कम किया जायेगा और कंपनियों पर करवाई की जा सकेगी।
पीएम मोदी ने बदली काशी की तस्वीर
अंशुला कांत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद काशी की तस्वीर काफी बदली है। घाटों और सड़कों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार की कई योजनाओं की जमकर तारीफ भी की। कहा कि ये योजनाएं यदि सफल होती हैं तो निश्चित ही काशी के साथ ही पूरे देश की तस्वीर बदल जाएगी।