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बक्सर-डीडीयू रेल खंड पर तीसरी लाइन के सर्वे का कार्य वर्षों से लंबित, अधिकतर ट्रेनें होती हैं लेट लतीफ

दिल्ली-हावड़ा मेन रूट के डीडीयू-पटना रेल खंड के बीच तीसरी लाइन बनाने का कार्य वर्षोंं से लंबित है। इससे इस रेल खंड पर ट्रेनों का अत्यधिक दबाव बढ़ जाने से अधिकतर ट्रेनें लेट लतीफी का शिकार होती हैं। इससे यात्रियों को परेशानी होती है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:30 PM (IST)
बक्सर-डीडीयू रेल खंड पर तीसरी लाइन के सर्वे का कार्य वर्षों से लंबित, अधिकतर ट्रेनें होती हैं लेट लतीफ
दिल्ली-हावड़ा मेन रूट के डीडीयू-पटना रेल खंड के बीच तीसरी लाइन बनाने का कार्य वर्षोंं से लंबित है।

गाजीपुर, जेएनएन। दिल्ली-हावड़ा मेन रूट के डीडीयू-पटना रेल खंड के बीच तीसरी लाइन बनाने का कार्य वर्षोंं से लंबित है। इससे इस रेल खंड पर ट्रेनों का अत्यधिक दबाव बढ़ जाने से अधिकतर ट्रेनें लेट लतीफी का शिकार होती हैं। पटना-डीडीयू रेल खंड पर तीसरी लाइन बनने के बाद इस रेल खंड पर चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी। अधिकतर मालगाड़ी तीसरी लाइन से चलेगी। इससे मेन लाइन पर चलने वाली गाड़ियों का दबाव घट जाएगा। अधिकतर ट्रेनें दो से ढाई घंटे में डीडीयू पहुंच सकती हैं। अभी पटना से डीडीयू जाने में करीब चार घंटे लगते हैं। ट्रेन समय पर तो चलेंगी ही, प्लेटफार्म के इंतजार में उन्हें आउटर पर रुकना भी नहीं पड़ेगा। अभी इस रूट पर एक्सप्रेस ट्रेन 110 किमी की रफ्तार से चलती है। हालांकि वर्तमान समय में पटना-डीडीयू रेल खंड पर एलएचबी कोच वाले ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी है।

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75 की जगह 100 की स्पीड से दौड़ेगी मालगाड़ी

 एक्सप्रेस के साथ-साथ इस रूट से आने-जाने वाली मालगाड़ी की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। अभी मालगाड़ी करीब 75 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है। अलग ट्रैक बनने पर स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा तक हो जाएगी। कारोबारियों का समय तो बचेगा ही, रेलवे की आय भी बढ़ेगी। मालगाड़ी मेन लाइन से हटी तो मुगलसराय, बक्सर, दानापुर, पाटलिपुत्र जंक्शन, पटना जंक्शन, किऊल के अलावा अन्य स्टेशनों से होकर गुजरने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी खत्म हो जाएगी।

पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में होगा सुधार

डीडीयू-पटना रेलखंड पर अभी दो रेल लाइन हैं। इस रेलखंड पर अप और डाउन दिशा में प्रतिदिन 100 से अधिक यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियां गुजरती हैं। हालांकि अधिकतर मालगाड़ियों का परिचालन रात में ही होता है। रेल मानकों के अनुसार, इस रेललाइन पर ट्रेन परिचालन क्षमता प्रतिदिन 100 से 120 रहनी चाहिए। ट्रेनों की संख्या ज्यादा होने से कई बार ट्रेनों की औसत रफ्तार काफी कम हो जाती है। कई ट्रेनों को घंटों एक ही जगह रुकना पड़ता

है। दानापुर रेलवे के एक सीनियर अभियंता और परिचालन से जुड़े अधिकारी ने बताया कि तीसरी रेललाइन होने से ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी। ट्रेनें बिना अवरोध के चलेंगी। सबसे अधिक फायदा पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों को होगा। पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन भी मुंबई की लोकल ट्रेनों की तर्ज पर सही समय और तेज गति से हो सकेगा।

208 किमी तक तीसरी लाइन बनाने का सर्वे हो चुका है

बक्सर से मोकामा के बीच प्रथम फेज में करीब 208 किमी तक तीसरी लाइन बनाने का सर्वे हो चुका है। इसे मंजूरी के लिए दानापुर मंडल द्वारा रेलवे बोर्ड को पत्र भी भेजा गया है। हालांकि आज तक मंजूरी नहीं मिल सकी। अभी बक्सर डीडीयू रेल खंड पर भी तीसरी लाइन के सर्वे का कार्य रुका हुआ है।

- राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हाजीपुर जोन।


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