NCL की खदानों में काम ठप, कमर्शियल माइनिंग के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल शुरू
सोनभद्र में एनसीएल की कोल परियोजनाओं में गुरुवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू होने से खदानों में काम ठप हो गया है। कोयला उत्पादन व प्रेषण पर असर पड़ा।
सोनभद्र, जेएनएन। एनसीएल की कोल परियोजनाओं में गुरुवार से शुरू हुए तीन दिवसीय हड़ताल के मद्देनजर श्रमिक संगठन कोल श्रमिकों के हुजूम के साथ सुबह में ही खदान क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर झंडा-बैनर लेकर डट गए। लगभग 80 प्रतिशत से अधिक कोल श्रमिक हड़ताल में शामिल रहे। इसमें शामिल एटक, इंटक, बीएमएस, सीटू, एचएमएस, सिस्टा, सिटिया, इनमोसा, एसटी एससी ओबीसी कांउसिल इम्पलाइज आदि श्रमिक संगठन के पदाधिकारी सभी परियोजनाओं का चक्रमण करते रहे। वे हर हाल में शून्य हाजिरी करने के लिए प्रयासरत रहे। कोल श्रमिक का हड़ताल पर रहने से खदान में भारी क्षमता की मशीनें जहां की तहां खड़ी रही। शिफ्ट बसे कालोनी व खदान में खाली ही घूमती रही। अधिकांशत: कार्यालयों का ताला नहीं खुला। प्रबंधन व पुलिस सभी जगहो पर मुश्तैद रही।
हड़ताली कर्मियों ने कहा कि जब तक सरकार कमर्शियल माइनिंग के निर्णय को वापस नहीं लेती है, तब तक कोल श्रमिक सरकार के निर्णयों का विरोध जारी रखेंगे। सरकार कोल इंडिया के अस्तित्व को मिटाने पर आमदा है। समय की नजाकत को देखते हुए कोल प्रबंधन भी सुनियोजित ढंग से अपनी हर संभव तैयारियों में मशगूल रहा।
कोयला मंत्री ने कहा, हड़ताल से होगी 319 करोड़ की क्षति
गुरुवार शाम को केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट करते हुए बताया कि तीन दिवसीय हड़ताल से कुल 319 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति होगी। इसकी जानकारी देते हुए एनसीएल पीआरओ रामविजय सिंह ने बताया कि मंत्री ने बताया है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 11 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। ऐसे में उन्होंने राष्ट्रहित में हड़ताल न करने की अपील श्रमिक संगठनों से की है।
हड़ताल को लेकर एनसीएल मुश्तैद
एनसीएल के पीआरओ रामविजय सिंह ने कहा कि हड़ताल नहीं करने के लिए सभी फोरमों पर श्रमिक संगठनों से उच्च प्रबंधन द्वारा आग्रह किया गया था लेकिन बात नहीं बनी। हड़ताल के मद्देनजर सभी कोल परियोजनाओं में बुधवार की रात 10 बजे से कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। इसकी मानिटरिंग हेड क्वार्टर सिंगरौली से की जा रही है। सोनभद्र व सिंगरौली जिला प्रशासन के साथ सभी परियोजनाओं के अधिकारी प्रमुख स्थलों पर अनवरत मुश्तैद हैं।
कोल मंत्री से वार्ता भी हुई थी विफल
कोल मंत्री से बुधवार को बीएमएस के डा. बसंत कुमार राय के नेतृत्व में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियो से वार्ता हुयी थी। लेकिन इसका कोई सकरात्मक हल नहीं निकला। कमर्शियल माइङ्क्षनग वापस करने की मांग पर श्रमिक संगठन अड़े हुए हैं। एटक के रामेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करती है तो कोल श्रमिकों के पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
सभी कोल परियोजनाओं में पुलिस बल तैनात
पुलिस अधीक्षक ने ककरी, बीना, कृष्णशिला, खडिय़ा, दुधीचुआ कोल परियोजना में जारी तीन दिवसीय हड़ताल के मद्देनजर पीएसी व जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्र के फोर्स को तैनात किया है। शक्तिनगर में प्रतिदिन तीन प्लाटून पीएसी विभिन्न परियोजना में तैनात रहेगी। जनपद के चार थानाध्यक्ष, 15 उपनिरीक्षक, दो महिला उप निरीक्षक, 40 पुरुष आरक्षी, 15 महिला आरक्षी, एक टीजी स्क्वाड कोल परियोजना मे हड़ताल तक तैनात रहेगी।
सड़क मार्ग से कोल परिवहन रहा ठप
कोल परियोजनाओं से सड़क मार्ग से कोल परिवहन ठप रहा। प्रतिदिन एनसीएल के सभी कोल परियोजनाओं से हजारों ट्रेलर-ट्रक कोयला लेकर रेणुसागर, लैंको, डाला, रेणुकूट, वाराणसी चंदासी मंडी समेत रेलवे लोडिंग प्वाइंट आदि जगहों पर जाते हैं लेकिन गुरुवार को हड़ताल की वजह से सभी वाहन खड़े रहे।