Move to Jagran APP

वाराणसी में महिलाओं ने बनाए मां जानकी रसोई सहायता समूह, रसोई में शुद्ध व ताजी सब्जी

वैश्विक महामामरी कोराेना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई। तमाम लोगों ने जान गवांई और हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित हुआ। वहीं महान उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द के लमही गांव की महिलाओं ने कोविड संकट में भी हार नहीं मानी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 04:59 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 04:59 PM (IST)
वाराणसी में महिलाओं ने बनाए मां जानकी रसोई सहायता समूह, रसोई में शुद्ध व ताजी सब्जी
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द के लमही गांव की महिलाओं ने कोविड संकट में भी हार नहीं मानी।

वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामामरी कोराेना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई। तमाम लोगों ने जान गवांई और हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित हुआ। वहीं महान उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द के लमही गांव की महिलाओं ने कोविड संकट में भी हार नहीं मानी। महिलाओं के बुलंद हौसलों को उड़ान दिया विशाल भारत संस्थान ने। संस्थान ने महिलाओं के लिएं ‘मां जानकी रसोई सहायता समूह’ का गठन किया और पांच हजार रुपये की सूक्ष्म सहायता उपलब्ध कराई। संस्थान की प्रेरणा से बने अपने तरह के अनोखे समूह ने फैसला किया कि रसोई में उपयोग होने वाली खानपान की वस्तुओं की शुद्धता, गुणवत्ता और जैविक खेती की कसौटी पर कसकर ही उपलब्ध कराया जाएगा। 

loksabha election banner

 मां जानकी रसोई सहायता समूह में महिलाएं ही खेती से लेकर रसोई तक पहुंचाने का काम करेंगी। खान-पान में खराब वस्तुओं और पेस्टिसाइट के उपयोग ने रसोई का स्वास्थ्य खराब कर दिया है। अब महिलाएं शुद्ध और ताजी सब्जी घर-घर तक आवश्यकतानुसार पहुंचाएंगी। यह महिला समूह रसोई को वैदिक रसोई (औषधालय) के रूप में तबदील करेगा, ताकि लोग खान-पान से स्वस्थ्य रह सकें और उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।

 महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम अपने हौसलों के साथ बढ़ाए हैं। प्रतिदिन शाम सात बजे से नौ बजे तक इस समूह के प्रभारी के पास अपनी आवश्यकता नोट करानी है और सुबह सुबह बजे से नौ बजे तक रसोई तक सब्जी से लेकर खाद्य सामग्री पहुंचा दी जाएगी। इस समूह का ऑनलाइन उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने नई दिल्ली से किया। समूह की सलाहकार नाजनीन अंसारी, प्रभारी सरोज देवी, रसोई तक पहुंचाने की जिम्मेदारी गीता देवी को दी गई। 

मुख्य अतिथि पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास एवं इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक ज्ञान प्रकाश ने समूह के प्रभारी को पांच हजार रुपये की धनराशि प्रदान की ताकि ये अपना ताजी शुद्ध सब्जी के रसोई तक पहुंचाने का स्वरोजगार खड़ा कर सकें। इंद्रेश कुमार ने कहा कि मां जानकी रसोई सहायता समूह हमारी रसोई की शद्धता को वैदिक संस्कृति से जोड़ेगा ताकि हम जो भी ग्रहण करें वह पूरी तरह शुद्ध हो और स्वदेशी हो। जल्द ही इन महिलाओं को मदद करके समूह के लिये भंडारण गृह की व्यवस्था की जायेगी ताकि वहां से रसोई हेतु शुद्ध अन्न भी उपलब्ध हो सके। महिलाएं सिर्फ अपने लिये रोजगार की व्यवस्था नहीं कर रहीं बल्कि रसोई की शुद्धता के माध्यम से सबके स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता का भी ध्यान रख रही हैं। लमही की महिलायें उन लोगों के लिये आदर्श प्रस्तुत करेंगी जो कोविड संकट काल के दौरान बेरोजगार हो गये हैं। जल्द ही लमही की महिलाएं अपने हौंसले के बल पर भारत भर में नाम रोशन करेंगी।

 विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि ऑनलाइन मांग पर रसोई तक खेतों की ताजगी के साथ शुद्ध जैविक सब्जी का पहुंचना स्वास्थ्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। जो महिलाएं छोटी सब्जी की खेती करती हैं उनके लिए एक बेहतर मंच है। आत्मनिर्भर बनना ही इनका उद्देश्य नहीं बल्कि लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना, रसोई के बजट का ध्यान रखना और शुद्धता की गारंटी भी इनका मकसद है। ऑनलाइन मांग पर रसोई में उनके मनोनुकुल खाद्य सामग्री और सब्जी पहुंचाई जाएगी। यह काम सिर्फ महिलायें ही करेंगी। यह समूह मिलावट खोरों और काला बाजारी करने वालों को भी चुनौती देगी। इस मौके पर नजमा परवीन, डा. मृदुला जायसवाल, खुशी रमन भारतवंशी, रूचि सिंह, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी आदि लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन अर्चना भारतवंशी ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.