महिला किसान दिवस ; हरित क्रांति को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं नारी
पिपराडाड़ स्थित कृषि भवन के सभागार में महिला किसान दिवस पर कृषि क्षेत्र में अग्रणी जनपद की महिला किसानों की गोष्ठी आयोजित की गई।
मीरजापुर, जेएनएन। पिपराडाड़ स्थित कृषि भवन के सभागार में महिला किसान दिवस पर कृषि क्षेत्र में अग्रणी जनपद की महिला किसानों की गोष्ठी आयोजित की गई। शुभारंभ नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने दीप प्रज्वलन व मां विंध्यवासिनी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। कहा कि महिलायें देश को दूसरी हरित क्रांति की दिशा में आगे ले जा सकती है। महिलाओं को पर्याप्त सुविधाएं मिलने पर विकास की दिशा में भारी परिवर्तन ला सकती है। हमारे देश में सनातन काल से नारियों का सम्मान किया जाता रहा है। महिला किसानों को एक किग्रा पोटाश एवं एक किग्रा सल्फर के पैकेट वितरित किया।
उप कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि महिला किसानों की जागृति से उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी हो सकती है। धान की पराली, कृषि अपशिष्टों को खेतों में नहीं जलाएं। अपने-अपने क्षेत्र में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें, साथ ही पराली व कृषि अपशिष्ट जलाना एक दंडनीय अपराध भी है। कृषि विज्ञान केंद्र बरकछा के वैज्ञानिक डा. एसएन सिंह ने मृदा परीक्षण की तकनीकी जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डा. संत प्रसाद ने महिलाओं को जैविक खेती से किसानों की आय दुगुनी करने के टिप्स दिये। उप निदेशक कृषि रक्षा डा. सतीश मलिक ने महिला किसानों को बीज शोधन करने के तरीकों के बारे सजीव प्रदर्शन के माध्यम से बताया। इफकों के क्षेत्रीय प्रबंधक डा. जीपी तिवारी ने उर्वरक के संतुलित प्रयोग की बात की। ज्ञानन्दा एकेडेमी की निदेशक डा. शीला सिंह ने महिलाओं को जागृत करते हुए मिश्रित खेती, बागवानी तथा अन्य उद्योग स्थापित करने पर बल दिया। संचालन राजेन्द्र त्रिपाठी उर्फ लल्लू तिवारी ने किया।