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कचरे से आत्‍मनिर्भर हो रहीं महिलाएं, 'कबाड़ से जुगाड़' अभियान का मिल रहा लोगों को फायदा

कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर- ए- बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलों से महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी के अमृत महोत्सव है। हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 04:13 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 04:13 PM (IST)
कचरे से आत्‍मनिर्भर हो रहीं महिलाएं, 'कबाड़ से जुगाड़' अभियान का मिल रहा लोगों को फायदा
प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी परिकल्पना वेस्ट को वेल्थ में बदलने का काम किया जा रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्थान द्वारा प्रधानमन्त्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी परिकल्पना वेस्ट को वेल्थ में बदलने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में एस बी जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग से एवं साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के तत्वाधान में रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इस उद्देश्य से एक 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को किया गया।

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कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर- ए- बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलों से महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी के अमृत महोत्सव है। हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है। यही बात लोगों के मन में बैठाना है कि कोई भी चीज बेकार नहीं है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करना जानें। इस सेंटर पर कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम एक सराहनीय कार्यक्रम है जिससे तमाम महिलायें जुडकर लाभ उठा रही हैंं।

कार्यक्रम के आइटी और उद्यमिता एक्सपर्ट प्रशांत दुबे ने महिलाओं को खुद का उद्यम लगाने, ऑनलाइन मार्केटिंग और ब्रांडिंग के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की बताया‍ कि कार्यक्रम हा उद्देश्‍य है कि महिलाओं को घर बैठे उन्हें एक ग्लोबल मार्किट मिल सके। कार्यक्रम के संयोजक और साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि वाराणसी के मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले भारी मात्रा में चढ़ाये गए श्रद्धा के फूलों से “सीमैप – सीएसआईआर लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महिलाओं को प्राकृतिक अगरबत्ती, धूप, हर्बल गुलाल, आदि सामग्री बनाने का न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि उन्हें हुनर-ए-बनारस के पोर्टल से ऑनलाइन मार्केटिंग का हुनर बताया जा रहा है। यहां पर महिलाओं के सेल्फ- हेल्प ग्रुप की महिलाओं को भी 15- 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया रहा है। जिससे घर बैठे अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उक्त अवसर पर दीक्षा सिंह, दिलीप कुमार सिंह, हर्ष सिंह, राजेश कुमार, यास्मिन सहित प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं उपस्थित रहीं।


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