संत रविदास जयंती : सीर गोवर्धन में रैदासियों के आगमन के साथ ही काशी बन गई मिनी पंजाब
सीर गोवर्धन में रैदासियों के आगमन के साथ ही काशी मिनी पंजाब बन चुका है। रैदासियों को लेकर बेगमपुरा ट्रेन शुक्रवार देर शाम जालंधर से चली तो रैदासियों से बोगी पंजाब से ही पट गई।
वाराणसी, जेएनएन। सीर गोवर्धन में रैदासियों के आगमन के साथ ही काशी मिनी पंजाब बन चुका है। वहीं पंजाब से रैदासियों का जत्था शनिवार दोपहर में बेगमपुरा स्पेशल ट्रेन से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचा तो पूरा परिसर ही जयकारों से गूंज उठा। रैदासियों को लेकर बेगमपुरा ट्रेन शुक्रवार देर शाम जालंधर से चली तो रैदासियों से बोगी पंजाब से ही पट गई। दोपहर में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने के साथ ही आयोजनों का दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि लंगर का दौर पहले ही श्रद्धालुओं के लिए शुरू हो चुका है।
वहीं शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे रैदासियों को लेकर बेगमपुरा एक्सप्रेस वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची तो रैदासी भी सदगुरु की महिमा का बखान और जयकारों के साथ स्टेशन परिसर से बाहर आए। वहीं रैदासियों के शीर्ष धार्मिक गुरु संत निरंजन दास भी ट्रेन से ही वाराणसी श्रद्धालुओं के साथ पहुंचे। हजारों श्रद्धालुओं के साथ कैंट स्टेशन पहुंचे संत निरंजनदास ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान आयोजन की संक्षिप्त रूपरेखा भी प्रस्तुत की। इसके बाद पहले से ही तैयार वाहनों से एक एक कर रैदासी श्रद्धालु सीर गोवर्धन में आयोजन स्थल के लिए रवाना हो गए।
सेवादारों ने संभाली सुरक्षा व्यवस्था
सीरगोवर्धन में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अस्थायी पुलिस चौकी बनकर तैयार हो गई है लेकिन अभी यहां किसी की तैनाती नहीं दिखी। मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की तरफ से स्वास्थ्य कैंप की शुरुआत कर दी गई है। पंडाल में जाने वाले प्रवेश द्वार पर सेवादार सघन तलाशी लेकर अंदर जाने दे रहे हैं। मेले की सुरक्षा व्यवस्था देख रहे इंस्पेक्टर लंका भारत भूषण तिवारी ने बताया कि सुरक्षा इंतजाम के लिए व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कर ली गई है। मंदिर प्रबंधन की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया है।
होर्डिंग को नगर निगम ने नहीं दी एनओसी
रविदास जयंती में शामिल होने के लिए देश-विदेश से भक्त उनकी जन्म स्थली पर आते हैं। इसके लिए मंदिर प्रबंधन की तरफ से हिंदी-अंग्रेजी और पंजाबी में लिखी होर्डिंग लगाने की मांग की गई थी। इसके लिए नगर निगम ने गुरुवार तक एनओसी नहीं दी। ट्रस्टी केएल सरोए ने बताया कि पर्यटन विभाग की तरफ से कैंट स्टेशन से लेकर रविदास मंदिर तक चार स्थानों पर होर्डिंग लगानी थी। इस पर अतिथियों के स्वागत और मंदिर जाने की दूरी लिखी थी लेकिन अभी तक एनओसी नहीं दी गई जबकि होर्डिंग बन कर तैयार है। इससे मंदिर पहुंचने में लोगों को काफी मदद मिलती।
मिनी भारत के दर्शन
रविदास मंदिर से लेकर लौटूबीर तक करीब एक किलोमीटर का दायरे में संत रविदास के सपनों का नगर मानो एक कठौती में समाया हो। यहां कुछ समय के लिए मिनी भारत के दर्शन होते हैं। दर्शन के क्रम में भक्तगण पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, चेन्नई, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि सहित इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस व दुबई के भी भक्तगण यहां पहुंचे हैं।
भक्तों से गुलजार सीर
पंजाब और हरियाणा सहित अन्य राच्यों से आने वाले सेवादारों व भक्तजनों ने ने सीर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। ज्यादातर पंडालों में पंजाब और हरियाणा के लोग पहुंच गए हैं। रिहायसी पंडालों के पास फायर बिग्रेड की गाड़ी लगा दी गई है। साथ ही अस्थायी पुलिस चौकी पर पर्याप्त बल तैनात कर दिए गए हैं, जो मेले की सुरक्षा व्यवस्था संग यातायात भी नियंत्रित कर रहे हैं।
जयंती के तहत प्रमुख आयोजन
- शनिवार की शाम रविदास पार्क में दीपोत्सव का आयोजन और भजन संध्या।
- रविवार की सुबह सात बजे संत निरंजन दास द्वारा रविदास पार्क में रविदास प्रतिमा पर माल्यार्पण। सुबह आठ बजे रविदासिया धर्म का ध्वजारोहण। सुबह नौ बजे अमृतवाणी पाठ का समापन व सुबह 11 से तीन बजे तक सत्संग पंडाल में संतों का भजन-कीर्तन एवं प्रवचन। वहीं शाम को मंदिर प्रबंधन की ओर से झांकियों का स्वागत।