नए साल में उम्मीदों को लगे पंख तो पर्यटन के मानचित्र पर भी दिखेगा बागी बलिया
विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2015 में स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत अलग-अलग थीम पर इंटीग्रेटेड टूरिस्ट सर्किट बनाने की योजना लांच हुई थी। इसमें श्रीकृष्ण रामायण बुद्ध और जैन आदि सर्किट के तहत प्रदेश के धार्मिक स्थलों को योजना का हिस्सा बनाया गया था।
बलिया [लवकुश सिंह]। पर्यटन के व्यापक विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2015 में स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत अलग-अलग थीम पर इंटीग्रेटेड टूरिस्ट सर्किट बनाने की योजना लांच हुई थी। इसमें श्रीकृष्ण, रामायण, बुद्ध और जैन आदि सर्किट के तहत प्रदेश के धार्मिक स्थलों को योजना का हिस्सा बनाया गया था। इसके बाद शेष बचे प्रमुख स्थलों को पर्यटन विकास से जोडऩे के लिए एक अतिरिक्त श्रृंखला आध्यात्मिक सर्किट (परिपथ) का सृजन किया गया था। इसमें जनपद के महर्षि भृगु मंदिर को भी चयनित किया गया था। इसके अलावा रामायण सर्किट में भी जिले के कई स्थान चयनित हुए थे। कामेश्वरधाम, लखनेश्वरडीह और सुरहाताल को भी पर्यटन की दुष्टि से विकासित करने की पहल हुई थी लेकिन उस हिसाब से अभी भी कार्य नहीं हो पाए हैं। नए साल में यदि उस योजना पर कार्य होते है तो रामायण सहित अन्य कई ग्रंथों में वर्णित बलिया के कई ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान मिल सकती है।
इस तरह होना है विकास
चयनित धार्मिक स्थलों पर सोलर लाइट, सड़क व पार्को का विकास, बाउंड्रीवाल, बेंच, रेन शेल्टर, वाटर हार्वेस्टिंग व रैन बसेरा का भी निर्माण होना है। ड्रेनेज सिस्टम दुरूस्त करने के साथ ही सीढिय़ों पर पत्थर बिछाकर अन्य जन सुविधाएं विकसित की जानी है। पुरातात्विक महत्व के स्थलों का मौलिक स्वरूप बरकरार रखकर इनका संरक्षण व संवर्धन किया जाना है।
पर्यटन की दृष्टि से ये भी हैं महत्वपूर्ण
बलिया में महर्षि भृगु मंदिर के अलावा और भी कई स्थान हैं जो पर्यटन की दुष्टि से अहम हैं। नगर में स्थित बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर, शहीद पार्क चौक, जनेश्वर मिश्र पार्क, वन विहार, कदम चौराहा के पास बड़ी मठिया, कामेश्वर धाम, सुरहाताल, चितबड़ागांव का बरईया पोखरा, देवकली सिकंदरपुर का सूर्य मंदिर, परसिया का परासर मुनि आश्रम, बैरिया का खपडिय़ा बाबा आश्रम, जयप्रकाशनगर का जेपी नारायण स्मारक प्रतिष्ठान आदि।
बोले मंत्री
धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। बलिया का भृगु मंदिर तो पूरे जिले की पहचान को बयां करता है। इसके अलावा और भी कई ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद चल रही है।
आनंद स्वरूप शुक्ल, राज्यमंत्री व नगर विधायक।