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चंदौली जिले में महिला मेठ वाले गांवों में विकास की बयार, 25 को मिलेगा रोजगार

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कवायद की जा रही है। इसके तहत उन्हें मनरेगा महिला मेठ की जिम्मेदारी सौंपी जा रही। जिले की 303 ग्राम पंचायतों में महिला मेठ नियुक्त कर दी गई हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 09:06 PM (IST)
चंदौली जिले में महिला मेठ वाले गांवों में विकास की बयार, 25 को मिलेगा रोजगार
चंदौली जिले में मनरेगा महिला मेठ की जिम्मेदारी सौंपी जा रही।

जागरण संवाददाता, चंदौली। महिला मेठ वाली ग्राम पंचायतों में विकास की बयार बहेगी। इन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के पांच लाख तक के प्रस्ताव बनेंगे। एपीओ पांच लाख का एक अथवा ढाई-ढाई लाख के दो प्रस्ताव बना सकते हैं। इसके तहत 25 मनरेगा मजदूरों को 100 दिन तक रोजगार मिलेगा। 15 महिला व 10 पुरुष मजदूरों से काम कराया जाएगा। उन्हें समय से मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। इसके तहत गांवों में कच्चे व पक्के काम कराए जाएंगे। 25 मजदूरों की 100 दिन की मनरेगा मजदूरी लगभग पांच लाख रुपये आएगी। शासन ने गांवों में विकास को गति व गरीबों को रोजगार से जोड़ने के लिए उद्देश्य से पहल की है।

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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कवायद की जा रही है। इसके तहत उन्हें मनरेगा महिला मेठ की जिम्मेदारी सौंपी जा रही। जिले की 303 ग्राम पंचायतों में महिला मेठ नियुक्त कर दी गई हैं। महिला मेठों की ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए पांच लाख तक प्रस्ताव बनेगा। एपीओ को निर्देश दिया गया है कि चाहे तो पांच अथवा ढाई-ढाई लाख के दो प्रस्ताव बनाए जा सकते हैं। इसके पीछे उद्देश्य है कि महिला व पुरुष मजदूरों को 100 दिन काम की गारंटी दी जा सके। इसमें महिला मजदूरों को वरीयता दी जाएगी। प्रस्ताव के तहत जिन 25 मजदूरों से काम लिया जाएगा, उसमें 15 महिलाएं और 10 पुरुष रहेंगे। 25 मजदूरों की 100 दिनों की मजदूरी लगभग पांच लाख के आसपास होगी। शासन की पहल से गरीबों को रोजगार की गारंटी मिलेगी। वहीं गांवों में विकास कार्यों को गति भी मिलेगी।

विभिन्न विभागों के करा रहे काम : मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में नाली, खड़ंजा के साथ ही सिंचाई, लोक निर्माण व अन्य विभागों के काम कराए जा रहे हैं। इसमें कच्चा काम को ही प्राथमिकता दी जा रही है। इससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। खासतौर से कोरोना काल में योजना काफी कारगर रही। महानगरों से पलायन कर घर पहुंचे अकुशल श्रमिकों को खाली नहीं बैठना पड़ा। जो भी मनरेगा में काम करने के लिए इच्छुक था, उसे काम दिलाया गया।

बोले अधिकारी : ‘महिला मेठ वाली ग्राम पंचायतों में पांच लाख के विकास के प्रस्ताव बनेंगे। इसकी स्वीकृति के बाद काम कराया जाएगा। 15 महिला व 10 पुरुष मजदूरों नियमित 100 दिन रोजगार मिलेगा। - धर्मजीत सिंह, उपायुक्त मनरेगा। 


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