सलाखों के पीछे से चुनेंगे अपना विधायक, बंदियों के भी मतदान की होगी व्यवस्था
Prisoner Voter लोकतंत्र में सभी को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। ऐसे में सलाखों के पीछे विभिन्न जुर्मों की सजा काट रहे बंदियों को भी मतदान करने का मौका मिलेगा। जिला प्रशासन प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद ऐसे बंदियों की सूचना इकट्ठा करने में जुटा है।
चंदौली, जागरण संवाददाता। विभिन्न जुर्मों के आरोप में जेलों में सजा काट रहे बंदियों को भी अपना विधायक चुनने का मौका मिलेगा। जिला प्रशासन ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। ऐसे बंदियों की सूचना मांगी है। उनके मतदान के लिए डाक मतपत्र जारी किया जाएगा। इसके जरिए कैदी भी मतदान करेंगे।
लोकतंत्र में सभी को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। ऐसे में सलाखों के पीछे विभिन्न जुर्मों की सजा काट रहे बंदियों को भी मतदान करने का मौका मिलेगा। जिला प्रशासन प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद ऐसे बंदियों की सूचना इकट्ठा करने में जुटा है। शासन की मदद से व स्थानीय स्तर पर भी सूचनाएं इकट्ठा की जा रही हैं। इसके आधार पर बंदियों की सूची तैयार की जाएगी। बंदियों की सूची एआरओ को उपलब्ध कराई जाएगी। उनकी ओर से मतदान के लिए डाक मतपत्र जारी किए जाएंगे। मतपत्र डाक के जरिए संबंधित जेलों में भेजा जाएगा। जेलर की मौजूदगी में बंदी मतपत्र पर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को मतदान करेंगे। इसके बाद मतपत्र वापस करेंगे। मतपत्रों को कड़ी निगरानी में रखा जाएगा। ईवीएम के मतों के साथ इसकी भी गिनती की जाएगी।
अशक्त मतदाता भी पोस्ट बैलेट से देंगे वोट : बंदियों के साथ ही निर्वाचन आयोग ने इस बार अत्यंत बुजुर्ग व अशक्त मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की सुविधा देने की योजना बनाई है। जिले में ऐसे अशक्त मतदाताओं को चिह्नित किया जा रहा है, जो बूथों पर जाने में असमर्थ हैं। उन्हें घर पर ही मतपत्र के जरिए मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी।
प्रशासन जुटा रहा जानकारी : बंदियों को डाक मतपत्र के जरिए मतदान की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद ऐसे बंदियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उनके मतदान के लिए एआरओ की ओर से डाक मतपत्र जारी किए जाएंगे। - अविनाश कुमार, सहायक निर्वाचन अधिकारी।