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वाराणसी में कब असि नदी होगी पुनर्जीवित, किनारे के तोड़े जाएंगे कई अवैध निर्माण

पौराणिक महत्व वाले असि नदी की दुर्दशा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया तो नदी के पुर्नरूद्धार के लिए जिलाधिकारी ने योजना बना ली थी। असि नदी पुनर्जीवित करने के लिए महाअभियान चलाया जाएगा था। इसके के लिए डीएम ने चार विभागों की समिति गठित की थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:31 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:31 AM (IST)
वाराणसी में कब असि नदी होगी पुनर्जीवित, किनारे के तोड़े जाएंगे कई अवैध निर्माण
वाराणसी में असि नदी इन दिनों अतिक्रमण के चपेट में है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पौराणिक महत्व वाले असि नदी की दुर्दशा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया तो नदी के पुर्नरूद्धार के लिए जिलाधिकारी ने योजना बना ली थी। असि नदी पुनर्जीवित करने के लिए महाअभियान चलाया जाएगा था। इसके के लिए डीएम ने  चार विभागों की समिति गठित की थी। समिति यह सर्वे करके अपनी रिपोर्ट देगी जिस पर वाराणसी विकास प्राधिकरण अवैध भवनों को ध्वस्त करेगा। 

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वहीं, नदी किनारे हरित पट्टी में बने अवैध भवनों का भी चिन्हांकन करके उस पर वैधानिक कार्रवाई करेगा लेकिन यह सब कागजी कार्यवाही हुई।

नदी के सर्वे कार्य, भवनों व जमीन की पैमाइश के लिए डीएम ने जो कमेटी बनाई है उसमें अतिरिक्त उप जिलाधिकारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, तहसीलदार सदर, तहसीलदार राजातालाब, जोनल अधिकारी नगर निगम भेलूपुर व जोनल अधिकारी वीडीए नगवां व भेलूपुर शामिल हैं। इन चारों विभाग के अफसर अपनी रिपोर्ट देंगे उसके बाद नदी के दोनों मुहाने से अतिक्रमण हटाकर नदी को पुनर्जीवित करते हुए पूर्ण नदी का स्वरूप किया जाएगा। 

वीडीए प्रशासन नदी व उसकी तलहटी में बने भवनों के सर्वे के लिए दो जोनल अधिकारियों की तैनाती कर दी है। वीडीए उपाध्यक्ष रोजाना इसकी प्रगति की समीक्षा अपने स्तर से कर रहे हैं। उन्होंने संयुक्त सचिव व नगवां जोनल अधिकारी परमानंद यादव के अलावा भेलूपुर जोनल अधिकारी वीपी मिश्रा को सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंपी है। अब तक इन दोनों ही जोनल अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र से करीब सौ-सौ भवनों को चिन्हित भी कर दिया है।

25 मीटर है असि नदी की हरित पट्टी

विकास प्राधिकरण के महायोजना 2031 में असि नदी के दोनों ओर 25-25 मीटर की हरित पट्टी है। अतिक्रमण व गंदगी के चलते कई जगहों पर नदी का स्वरूप ही नहीं दिखता है। कई जगहों पर लोगों ने निर्माण करके नदी का प्रवाह ही मोड़ दिया है। गंदगी व अतिक्रमण से यह पौराणिक नदी सिसक रही है।

असि नदी का उद्गम कंदवा तालाब

असि नदी का उद्गम स्थल कंदवा तालाब है। यह नदी कंदवा तालाब से निकलकर कर्माजीतपुर, सुंदरपुर, कौशलेशनगर, रोहितनगर, साकेतनगर, संकटमोचन, नगवां होते हुए संत रविदास पार्क के पास गंगा नदी में मिलती है। वहीं, बीएचयू के सहयोग से नदी के सहायक जल स्रोतों को प्रयागराज तक् खोजे जाएंगे। 


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