Move to Jagran APP

भदोही के कालीन पर पड़ी कोरोना की मार तो किसानों को युवा उद्यमी ने दिया आर्थिक समृद्धि का आधार

प्रदेश सरकार की नीतियों का लाभ लेकर कंपनी बनाने में किया और छह महीने में अपने साथ 250 किसानों को जोड़ दिया। शाश्वत नियमित अंतराल पर अपनी टीम के साथ इन किसानों के पास हो जाते हैं उनसे उनकी फसल खरीदते हैं जिनकी विदेश के मार्केट में मांग होती है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 11:17 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 11:22 AM (IST)
भदोही के कालीन पर पड़ी कोरोना की मार तो किसानों को युवा उद्यमी ने दिया आर्थिक समृद्धि का आधार
सरकार की नीतियों का लाभ लेकर कंपनी बनाई और छह महीने में अपने साथ 250 किसानों को जोड़ दिया।

भदोही, जागरण संवाददाता। जिला कारपेट यानि कालीन के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी चर्चा में रहता है। ओडीओपी से लेकर देश के कारोबार में कालीन उद्योग ने हमेशा से चार चांद लगाया है और डालर कमाने में अग्रणी रहा है। अब आज की पीढ़ी ने भी कालीन के कारोबार को ऊंचाइयो देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इसी कड़ी में शाश्वत पांडेय कालीन नगरी भदोही जिले में एक युवा एक्सपोर्टर हैं। वह अपने परिवार की दूसरी पीढ़ी के निर्यातक हैं।  पिछले 40 सालों से उनकी यूनिट से कालीन निर्मित होकर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी सहित दुनिया भर के कई देशों में कारपेट एक्सपोर्ट कर रही है। कोविड संक्रमण के दौरान अन्य उद्योगों की तरह कालीन उद्योग पर भी बहुत बुरा असर पड़ा। इस आपदा के दौर में शाश्वत में अवसर को खोजा और त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बना कर लोगों को रोजगर से भी जोड़ा है। 

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों का लाभ इन्होंने अपनी कंपनी बनाने में किया और मात्र छह महीने में अपने साथ 250 किसानों को जोड़ दिया। शाश्वत नियमित अंतराल पर अपनी टीम के साथ इन किसानों के पास हो जाते हैं उनसे उनकी फसल खरीदते हैं जिनकी विदेश के मार्केट में मांग होती है। उसके बाद उसे तय मापदंड के मुताबिक पैक करके निर्यात करते हैं। पिछले तीन महीनों में शाश्वत ने पांच कंसाइनमेंट दुबई और शारजाह भेजे हैं। अब तक इन्होंने आम, भिंडी मिर्चा और तोरई का निर्यात विदेशों में किया है। उनके इस कंसाइनमेंट को एक्सपोर्ट करने के बाद विदेशों में उनके ग्राहकों का कहना है कि अन्य सब्जियों की भी अब उनको जरूरत है।

खाड़ी के देशों में डिमांड सिर्फ भारत से एक्सपोर्ट के जरिए ही पूरी हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार कृषि विभाग के अधिकारी लगातार शाशवत व इन जैसे अन्य उद्यमियों के संपर्क में हैं कि कैसे यह ज्यादा से ज्यादा किसानों को अपने साथ जोड़ सकें और उनकी जीविका का साधन बन सकें। शाश्‍वत के इस प्रयास को प्रदेश सरकार ने भी सराहा और उनके जज्‍बे को सम्‍मानित भी किया है।  

शाश्वत के इस प्रयास को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको रविवार को सम्मानित भी किया है। किसानों के उत्पाद को विदेश एक्सपोर्ट करने की एक पूरी पारदर्शी प्रक्रिया है जिसकी निगरानी सरकारी टीमें भी करती रहती हैं। शाश्‍वत ने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि किसान सीधे यह जान सकते हैं कि किस गुणवत्‍ता का उत्‍पाद उनको उगाना है और उसी हिसाब से अपने खेत में वह जैविक खाद का प्रयोग करते हैं। जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक भदोही जिले के शाश्वत पहले ऐसे उद्यमी हैं जो किसानों के उत्पाद को सीधे खाड़ी के देशों तक एक्सपोर्ट कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.