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मौसम का रुख दोबारा बदलाव की ओर, मैदानी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ का असर पहुंचेगा जल्‍द

रविवार की सुबह वातावरण में ठंडी हवाओं का असर काबिज रहा। दो दिनों के बाद आसमान में बादलों की सक्रियता नहीं रही और दिन चढ़ने तक आसमान पूरी तरह से मौसम साफ हुआ और धूप खिलने के बाद तापमान में भी इजाफा हुआ।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 04:51 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 04:51 PM (IST)
मौसम का रुख दोबारा बदलाव की ओर, मैदानी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ का असर पहुंचेगा जल्‍द
पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ के आने का दौर शुरू हो चुका है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर होने के बीच अनुमानों के अनुसार सप्‍ताह के अंत में तापमान में इजाफा भी हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वातावरण में और भी बदलाव होगा और तापमान में कमी में ठहराव के बाद दोबारा बादलों की सक्रियता का दौर हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के आने का दौर शुरू हो चुका है। लगातार पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का दौर हावी हो रहा है। मौसम का रुख पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में लगातार बदल रहा है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि अब यूरोप से आने वाली ठंडी हवाओं का रुख पूर्वांचल तक होने लगा है। अब पहाड़ों का असर भी मैदानी इलाकों में सप्‍ताह भर में पहुंचेगा तो गलन और सिहरन का दौर भी शुरू हो जाएगा। 

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रविवार की सुबह वातावरण में ठंडी हवाओं का असर काबिज रहा। दो दिनों के बाद आसमान में बादलों की सक्रियता नहीं रही और दिन चढ़ने तक आसमान पूरी तरह से मौसम साफ हुआ और धूप खिलने के बाद तापमान में भी इजाफा हुआ। हालांकि, शाम होने के बाद तापमान में मामूली कमी का दौर शुरू हुआ तो लोगों को ठंड का धूप के बाद अहसास भी हुआ। मौसम का रुख सप्‍ताह भर में बदलेगा तो गलन के साथ ही कोहरा और रात को ओस भी काबिज हो जाएगी और सिहरन भी लोगों को सुबह महसूस होगी।  

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 14.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य रहा। आर्द्रता अधिकतम 74 फीसद और न्यूनतम 58 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों के अनुसार इस समय अफगानिस्‍तान तक पश्चिमी विक्षोभ का झोंका पहुच चुका है। मौसम का रुख बदला तो आने वाले दिनों में मौसम का रुख थोड़ा और बदल सकता है। वातावरण में गलन का असर बादलों की सक्रियता के बाद कम हुआ है लेकिन वातावरण में उमस ठंड का असर पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद दोबारा बढ़ जाएगा।


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