Well Done बनारस के डॉक्टर, नौनिहालों ने भी जीत ली कोरोना वायरस से जंग
बीएचयू अस्पताल में भर्ती पांच बच्चे नौ से दस दिन के भीतर ही कोरोना को मात देने में सफल रहे। सभी को अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है। इसमें बनारस के डॉक्टरों का बड़ा सहयोग रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के नाम से ही जहां लोग सिहर जाते हैं, वहीं नन्हें-मुन्नों ने समाज में व्याप्त डर को खत्म करने का संदेश दिया है। बीएचयू अस्पताल में भर्ती पांच बच्चे नौ से दस दिन के भीतर ही कोरोना को मात देने में सफल रहे। सभी को अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है। इसमें बनारस के डॉक्टरों का बड़ा सहयोग रहा है। लेवल-3 के अस्पताल बीएचयू में कोरोना के साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अत्याधुनिक चिकिसीय सुविधायुक्त बीएचयू अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चे भी भर्ती किए जा रहे हैं। तीन से पांच साल के पांच कोरोना पॉजिटिव बच्चे हाल ही में भर्ती किए गए थे। बालरोग विभाग की निगरानी में उनका इलाज किया गया। बुखार के साथ उन्हें सांस लेने में हल्की परेशानी थी।
खूब मचाते थे धमाचौकड़ी
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रही। इस कारण दवाओं का उन पर जल्दी असर भी हुआ। इलाज के बाद लगातार दो जांचों में सभी कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त पाए गए। इसके बाद सभी को हाल ही में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। चिकित्सकों के मुताबिक बच्चे बहुत ही एक्टिव थे। वार्ड में खूब धमाचौकड़ी मचाया करते थे। वार्ड के बिस्तर उनके लिए खेल का मैदान बन गए थे। माताएं साथ थीं, इसलिए संभालने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। बुखार आने पर उन्हें दवा दी जाती थी। बच्चों के लिए दूध-बिस्कुट आदि भी अस्पताल की ओर से मंगाया जाता था।
दाल-चावल संग देते थे दूध
भोजन में दाल, चावल, सब्जी-रोटी संग नियमित रूप से दूध दिया गया। बच्चों के माता-पिता उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित जरूर थे, मगर समय-समय पर उनकी काउंसलिंग भी की जाती रही। बेहतर केयर का नतीजा रहा कि बच्चों की दूसरी रिपोर्ट ही निगेटिव आई। इसके बाद हाल ही में पांचों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। एमएस-बीएचयू अस्पताल प्रो. एसके माथुर का कहना है कि सभी बच्चे ठीक होकर अपने-अपने घरों को जा चुके हैं। अस्पताल में बच्चों का हर संभव ख्याल रखा गया। दूध-बिस्कुट के साथ खान-पान में भी सावधानी बरती गई। परिवारीजनों का भी अच्छा सहयोग मिला।