पूर्वांचल में ठंडी हवाओं से दिन में राहत रात को गलन, जानिए आने वाले सप्ताह में कैसा रहेगा मौसम का हाल
दो दिनों से चल रही फगुनहटा जैसी हवा के कारण दिन में ठंड से तो थोड़ी मिली है लेकिन रात में अभी भी गलन बरकरार है।
वाराणसी, जेएनएन। दो दिनों से चल रही फगुनहटा जैसी हवा के कारण दिन में ठंड से तो थोड़ी मिली है, लेकिन रात में अभी भी गलन बरकरार है। कोल्ड फ्रंट के कारण हवा में ठंड बरकरार है। हालांकि 28 जनवरी तक मौसम में कुछ बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। कारण कि जम्मू-कश्मीर में 26 जनवरी को वार्म फ्रंट पहुंच रहा है। इसके करीब तीन दिन बाद पूर्वांचल में पहुंचने की उम्मीद है। रविवार की सुबह भी ठंड में घुली रही और गलन के बीच ठंडी हवाओं ने लोगों को खूब कंपाया। हालांकि दिन चढ़ने के साथ ही ठंड का असर कम हुआ और धूप खिलते ही लोग धूप सेंकने भी निकले।
वार्म फ्रंट के यहां पहुंचने पर बादल एवं पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हो सकती है। हाल के दिनों में तेज धूप के कारण तापमान में मामूली सुधार हुआ है। अधिकतम व न्यूनतम पारा दोनों ही बढऩे से भीषण ठंडी से थोड़ी राहत मिली। हालांकि गलन अभी भी बरकरार है और न्यूनतम तापमान में मामूली घटाव हुआ है। एक दिन पहले जहां पर न्यूनतम तापमान 8.5 पर था वहीं घटकर 7.4 डिग्री हो गया। वहीं एक दिन पहले अधिकतम पारा जहां 22.2 डिग्री था वहीं मामूली बढ़ाव के 22.4 डिग्री सेल्सियस हो गया। बीते चौबीस घंटों में 7.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम पारा दर्ज किया गया जबकि 22.4 डिग्री सेल्सियस अधिकतम पारा रहा। इस दौरान 79 प्रतिशत अधिकतम आर्द्रता और 41 प्रतिशत न्यूनतम आर्द्रता दर्ज की गई। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि 28 तक यहां वार्म फ्रंट के पहुंचने से मौसम में कुछ बदलाव की उम्मीद है। इस बीच गलन भरी ठंड बरकरार रहेगी।
गाजीपुर में कोहरा बरकरार
बादलों की लुकाछिपी और मौसम के बेरुखी से एक बार फिर कोहरे की सफेद चादर ने लोगों को परेशानी में डाल दिया। छोटे छोटे स्कूली बच्चों को कोहरे की जबरदस्त मार झेलनी पड़ी। शनिवार की सुबह धुंध ने सफेद चादर फैलाए लोगों के आवागमन में बाधा पहुचार्इ। सिधौना बिहारीगंज मौधा अनौनी नायकडीह उचौरी के बस स्टॉप पर गाड़ी पकड़ने आये स्कूली बच्चे कुहासे की बूंदों से भींग गये थे। सुबह से ही सर्दी ने अपनी उपस्थिति का जबरदस्त एहसास कराया। सुबह कोहरे के बीच एक तरफ जहां पैदल आवागमन करने वाले ठिठुरते हुए नजर आए, वहीं चारपहिया वाहन फॉग लाइट के सहारे रेंगते नजर आए। ठंड से राहत के लिए लोग अलाव का सहारा लेकर बैठे रहे। इस दौरान पैदल आवागमन करने वाले लोग एक तरफ जहां ठिठुरते हुए नजर आए, वहीं हेड लाइट और इंडीकेटर जलाकर दोपहिया और चार पहिया वाहन रेंगते रहे। गलन का प्रभाव इतना जबरदस्त रहा कि घरों के बाहर तो दूर लोगों ने खिड़की दरवाजे तक बंद रखना मुनासिब समझा। ठंड से राहत के लिए लोगों ने अलाव के साथ ही हीटर का सहारा लिया। सड़कों पर आवागमन करने वालों की नजर जैसे ही जल रहे अलाव पर पड़ रही थी राहत के लिए वह रुककर अलाव तापने लग रहे थे।