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पूर्वांचल में उत्‍तरी हवाअों ने बढ़ाई गलन, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल

पूर्वांचल में मौसम का रुख भले ही सामान्‍य हो चला हो मगर हवा का रूख बदलते ही गलन भी बढ़ गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 08:38 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:15 PM (IST)
पूर्वांचल में उत्‍तरी हवाअों ने बढ़ाई गलन, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल
पूर्वांचल में उत्‍तरी हवाअों ने बढ़ाई गलन, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्‍ताह में मौसम का हाल

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में मौसम का रुख भले ही सामान्‍य हो चला हो मगर हवा का रूख बदलते ही गलन भी बढ़ गई है। रविवार को सतह से एक किलोमीटर की ऊंचाई पर उत्तरहिया हवा चलने लगी है। वहीं इसके ऊपर जम्मू-कश्मीर से ठंडी लेकर आ रही पछुआ हवा ही चल रही है। अभी दो-तीन दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। इसके 11 फरवरी के बाद मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। सोमवार की सुबह भी आसमान साफ रहा मगर ठंडी हवाओं से गलन बढ़ी और लोगाें को ठंड भी बखूबी महसूस हुई। हालांकि दिन चढ़ने के साथ ही पारा भी चढ़ा और धूप खिलते ही लोगों को ठंड से राहत भी मिली। 

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इस सीजन में नवंबर से ही ठंड शुरू हो गई थी, जो अभी तक लगातार जारी है। ठंड से कभी-कभार ही राहत मिली है। 30 दिसंबर को तो न्यूनतम पारा 2.3 के साथ 62 वर्षों का रिकार्ड टूट गया था। इसके बाद से ही न्यूनतम तापमान 5 से 10 डिग्री के बीच ही चल रहा है। हां, इतना जरूर है कि कुछ दिनों से अधिकतम तापमान 20 डिग्री के ऊपर चलने से राहत मिली है। बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान और 23.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं इस दौरान 86 प्रतिशत अधिकतम आर्द्रता, 54 प्रतिशत न्यूनतम आर्द्रता दर्ज की गई। जबकि आसमान साफ होने के बाद भी पाकिस्‍तान के आसपास बनी बादलों की सक्रियता के पूर्वांचल तक अगले 48 घंटों में पहुंचने की उम्‍मीद है। ऐसे में बादलों की सक्रियता भी पूर्वांचल में अगले तीन दिनों के भीतर दिख सकती है। हालांकि इसके यहां तक पहुंचने पर कमजोर होने की भी उम्‍मीद है।

मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि 11 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर आ रहा है। इसके यहां पहुंचने पर मौसम में फिर से बदलाव होगा। तब तक स्थिति ऐसे ही बनी रहेगी। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ का असर आने के साथ ही मौसम जरूर बदलेगा मगर यह कुछ ही समय तक रहेगा और दूसरे पखवारे की शुरुआत के साथ ही पारे में इजाफा होगा और ठंड की विदायी हो जाएगी। इसी के साथ मार्च माह में फगुआ हवाओं से नमी में कमी आने लगेगी।


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