बनारस में गंगा के अप स्ट्रीम का पानी नहाने योग्य, जर्मन वैज्ञानिकों के सामने पानी का हुआ परीक्षण
जनवरी और फरवरी में वाराणसी में कई स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं। उस मौके पर काशी में गंगाजल स्वच्छ रहे इसके लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने जर्मनी की मदद ली है।
वाराणसी, जेएनएन। जनवरी और फरवरी में वाराणसी में कई स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं। उस मौके पर काशी में गंगाजल स्वच्छ रहे इसके लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने जर्मनी की मदद ली है। वाराणसी में गंगा के अप स्ट्रीम में पानी 10 हेजल है जो नहाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। डाउन स्ट्रीम में यह 15 है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ नाले रमना एसटीपी निर्माणाधीन होने के चलते सीधे गंगा में गिर रहे हैं।
जर्मनी के डा. पीटर और डा. लुकास की टीम ने रविवार, सोमवार और मंगलवार को वाराणसी व गाजीपुर में कई स्थानों पर गंगा जल का नमूना लिया। मंगलवार को नमूनों को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वाराणसी प्रयोगशाला में जर्मन वैज्ञानिकों की अगुवाई में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों ने जांचा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि हमारी टीम हर मंगलवार को गंंगा जल के 23 नमूने एकत्र करती है। बुधवार को दीनापुर के दोनों तथा गोइठहां के एक एसटीपी का तीन बार एवं बुधवार को डीरका और भगवानपुर एसटीपी से दो बार नमूना एकत्र किया जाता है। रमना एसटीपी का कार्य का जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए। इसके अलावा गंगा में सीधे गिरने वाले नालों को बायोरेमेडिएशन (जैविक उपचार ) भी करना चाहिए।