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Rain Alert in Varanasi : पछुआ हवाओं का जोर करा सकता है बारिश, तापमान में आएगी कमी

हवाओं का बदलता रुख गर्मी घोलने के बाद राहत देने की तैयारी कर रहा है। मौसम का बदल रहा रुख अब बारिश भी कराने की तैयारी कर रहा है। दरअसल मध्‍य जनवरी के बाद से ही बादलों की सक्रियता होने के बाद भी बारिश नहीं हो पा रही है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 03:48 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 03:48 PM (IST)
Rain Alert in Varanasi : पछुआ हवाओं का जोर करा सकता है बारिश, तापमान में आएगी कमी
हवाओं का बदलता रुख गर्मी घोलने के बाद राहत देने की तैयारी कर रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। हवाओं का बदलता रुख अब वातावरण में गर्मी घोलने के बाद राहत देने की तैयारी कर रहा है। मौसम का बदल रहा रुख अब बारिश भी कराने की तैयारी कर रहा है। दरअसल मध्‍य जनवरी के बाद से ही बादलों की सक्रियता होने के बाद भी बारिश नहीं हो पा रही है। अब पछुआ हवाओं का जोर बीते दो दिनों से होने की वजह से अधिकतम तापमान में भी कमी दर्ज की जा रही है। माह भर से तापमान सामान्‍य से अधिक बना होने की वजह से लग रहा था मानो गर्मी का मौसम पूर्वांचल में दस्‍तक दे चुका है। हालांकि, हवा का रुख बदलने के बाद अब तापमान में कुछ कमी भी आई है। अधिकतम पारा भी सिमट कर 30 डिग्री के करीब और न्‍यूनतम पारा कम होकर 15 डिग्री के करीब आ चुका है। 

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इसके पीछे बादलों की सक्रियता का पूर्वांचल तक पहुंचने तक असर खत्‍म होना एक बड़ी वजह है। दूसरी ओर पछुआ हवाओं की ओर से रुख बदलने की वजह से भी बारिश नहीं हो पा रही थी। अब हवाओं का रुख पछुआ होने के बाद से ही तापमान में दो दिनों से कमी दर्ज की जा रही है। वातावरण में नमी का स्‍तर भी बीते दिनों की अपेक्षा कुछ बढ़ा है। बादलों की सक्रियता हालांकि अभी पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश तक ही सीमित है मगर हवाओं का रुख पछुआ होने की वजह से बादलों की पूर्वांचल तक आने की संभावना है। इसके बाद से मौसम का रुख बदलने पर तापमान में भी कमी का दौर संभव है। मौसम विभाग ने भी अंदेशा जताया है कि बारिश इस सप्‍ताह हो सकती है। 

बारिश से लाभ भी नुकसान भी

बारिश या बूंदाबांदी मामूली हुई तो खेती किसानी को लाभ हो सकता है, गेहूं की अगेती फसल जो पकने को तैयार है उसे नुकसान संभव है। वहीं गेहूं की पिछेती फसल को लाभ होना तय है। अगर हवाओं का रुख तल्‍ख हुआ तो फसलें लोट सकती हैं। जबकि सब्जियों की खेती को पर्याप्‍त राहत मिलना तय है। वहीं तैयार सरसों की फसल और अरहर के साथ ही दलहन व तिलहन की फसलों को नुकसान हो सकता है। 


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