दम तोड़ रहा स्वच्छता अभियान: यहां हर माह कू ड़े में फुं क रहे सवा करोड़ रुपये
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ही स्वच्छता अभियान दम तोड़ रहा है। पूरे शहर में जगह जगह कूड़े के कारण गंदगी फैली हुई है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ही स्वच्छता अभियान दम तोड़ रहा है। पीएम ने साढ़े चार साल पहले जो गंदगी से जंग छेड़ी थी उसमें नगर निगम को हार झेलनी पड़ रही है। कचरा प्रबंधन के नाम पर करीब सवा करोड़ रुपये प्रति माह खर्च हो रहे हैं और हालात ऐसे हैं कि नगर में चहुंओर कूड़े का ढेर पड़ा दिख रहा है। नगर निगम का कूड़ा उठान सिर्फ कागजों पर हो रहा है। सफाई कर्मियों व अनुबंधित संस्थाओं की उदासीनता इतनी कि सूचना के बाद भी कचरा उठान नहीं हो रहा है। विभागीय अधिकारी खुद की कमजोरी को नजरअंदाज कर जनता के व्यवहार को कोसते हैं। कहना है कि लोग गंदगी करने से बाज नहीं आते हैं। गंदगी की बात करें तो नदेसर स्थित खरबूजा शहीद रोड पर कई दिनों से कचरा फैला है जिसका दायरा काफी बढ़ गया है। इसी प्रकार सोनिया में कचरे का टीला बन गया है। वरुणापार इलाके के कई मुहल्लों के खाली प्लाटों में कचरा फेंका जा रहा है। कचरा प्रबंधन पर हर माह खर्च : 70 लाख रुपये आइएलएसएफ।30 लाख रुपये कियाना संस्था। 83 हजार रुपये डीजल। 1.65 लाख रुपये आउट सोर्सिग।1.25 लाख रुपये सफाई उपकरण। 50 रुपये प्रति घर से। 90 वार्ड, 40 में घर-घर कूड़ा उठान : नगर में 90 वार्ड है। कचरा प्रबंधन के तहत घर-घर कूड़ा उठान के लिए आइएलएफएस को गंगा किनारे स्थित 14 वार्ड दिए गए हैं जबकि कियाना को वरुणापार के 30 वार्डों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नगर निगम की ओर से मिलने वाली रकम के बाद भी संस्थाओं की ओर से हर घर 50 रुपये लिए जा रहे हैं। इसके बाद भी कई इलाकों में कूड़ा उठान के लिए संस्था के लोग नहीं पहुंच रहे हैं। 'कचरा प्रबंधन को लेकर नगर निगम गंभीर है। जहां संस्थाओं को कूड़ा उठान की जिम्मेदारी दी गई है वहां वे कार्य कर रहे हैं और जहां संस्थाएं नहीं हैं वहां नगर निगम कूड़ा उठा रहा है।'
-एके दुबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।