कचरा प्रबंधन : वाराणसी में घर-घर से ले जाएंगे कूड़ा, हर माह देने होंगे 96 रुपये
वाराणसी में एक कंपनी एजी इनवारो को शहर में घर-घर कूड़ा उठान की जिम्मेदारी सौंप दी है। तय हुआ है कि घर से ही गीला-सूखा कचरा उठान करें।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय क्षेत्र काशी को देश की सबसे स्वच्छ सिटी के रूप में देखने की मंशा जाहिर की है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने लखनऊ स्तर पर ही एक कंपनी एजी इनवारो को शहर में घर-घर कूड़ा उठान की जिम्मेदारी सौंप दी है। तय हुआ है कि घर से ही गीला-सूखा कचरा उठान करें। ऐसा नहीं करने वालों पर नगर निगम जुर्माना लगाए।
शासन ने स्वीकृति मिलने के बाद कंपनी के अफसर शुक्रवार को यहां पहुंच गए हैं। इसमें एजीएम राकेश गुप्ता व आपरेशन हेड राकेश उपाध्याय प्रमुख हैं। उन्होंने नगर आयुक्त गौरांग राठी से वार्ता भी की जिसके बाद अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा को सर्वे कार्य पूर्ण कराने की रूपरेखा तैयार करने के लिए नगर आयुक्त ने निर्देशित किया। कंपनी के अफसरों के साथ हर जोन से सफाई निरीक्षक, सुपरवाइजर भी होंगे। सर्वे के तहत नगर निगम की कूड़ा प्रबंधन में लगी गाडिय़ां, कूड़ा घर, बल्क में कूड़ा उत्पादन समेत अन्य बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर कंपनी अपनी जरूरतों को नगर निगम से साझा करते हुए कूड़ा प्रबंधन में लगने वाले मैन पावर का आकलन करेगी। अनुबंध के मुताबिक संसाधन नगर निगम के होंगे और मैन पावर कंपनी का। वाराणसी में विगत कई वर्षों से कूड़े को लेकर कवायद की जा रही है और इसमें सफलतता काफी कम ही मिली है।
...तो देश का पहला शहर होगा
अपर नगर आयुक्त का दावा है कि अब तक देश के किसी भी शहर में घर से ही सूखा-गीला कचरा पृथक कर उठान संभव नहीं हो सका है। यह कंपनी नवी मुंबई, पुणे, नोएडा, नागपुर जैसे शहरों में काम कर रही है। कहा कि गीला-सूखा कचरा घर पर अलग करना जरूरी होगा क्योंकि यहां बिजली प्लांट संचालित करने के लिए आर्गेनिक कचरा जरूरी होता है जबकि सूखे कचरे में कई ऐसे भी अवयव होते हैं जो री-साइकिल हो सकते हैं।