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वाराणसी में आयकर के लंबित मामले में अदालत सख्त, जारी किया गैर जमानती वारंट

आयकर के मामलों को लेकर अदालत ने सख्त रूख अपनाया है। एक पुराने लंबित मामले में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दीपक मधोक उनकी पत्नी भारती मधोक और बेटे करन मधोक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 11:48 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 03:13 PM (IST)
वाराणसी में आयकर के लंबित मामले में अदालत सख्त, जारी किया गैर जमानती वारंट
दीपक मधोक और भारती मधोक के खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया है।

वाराणसी, जेएनएन। आयकर के मामलों को लेकर अदालत ने सख्त रूख अपनाया है। एक पुराने लंबित मामले में विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दीपक मधोक उनकी पत्नी भारती मधोक और बेटे करन मधोक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इस मामले में अब दस मार्च को सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि आयकर विभाग ने वर्ष-2013 में तीनों के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया था। उसी वर्ष छह दिसंबर को हाईकोर्ट द्वारा कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी। 

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इस लंबित प्रकरण में हाजिर होने के लिए अदालत द्वारा सम्मन जारी किया गया था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान दीपक मधोक की ओर से अदालत के समक्ष इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया गया कि गलत तथ्यों के आधार पर आयकर विभाग द्वारा परिवाद दाखिल किया गया है। हाईकोर्ट द्वारा छह दिसंबर-2013 को कार्यवाही पर स्थगन आदेश पारित किया गया जो अब तक तक प्रभावी है। इस प्रकरण में हाईकोर्ट में दाखिल रिट याचिका भी अभी तक विचाराधीन है।

अदालत ने पत्रावलियों के अवलोकन तथा दलीलों को सुनने के पश्चात अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के एक नजीर का हवाला देते हुए कहा कि जिन मामलों में स्पष्ट रुप से यथास्थिति (स्टे) का आदेश नहीं बढ़ाया गया है उन्हेंं छह माह पश्चात स्वत: समाप्त माना जाएगा। उपरोक्त प्रकरण में हाईकोर्ट का कोई भी स्पष्ट आदेश  स्थगन आदेश के बढ़ाये जाने के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया है। अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अग्रिम कार्रवाई के लिए दस मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी। बता दें कि करोड़ों रुपये की आयकर चोरी के मामले में इसी अदालत में गत 23 फरवरी को दो व्यवसायियों ने समर्पण किया था। अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया था और दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। आयकर विभाग ने दोनों के खिलाफ वर्ष 2019 में अदालत में परिवाद दाखिल किया था। 


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