संकरी गलियों से मुक्त नए कलेवर में जगमगा रहा मीरजापुर का विंध्यधाम कॉरिडोर, भक्तों को लग रहा अच्छा
सनातन धर्मावलंबियों की श्रद्धा व आस्था से जुड़ा मां विंध्यवासिनी का दरबार अब नए कलेवर में जगमगाने लगा है। संकरी गलियों से मुक्त विंध्यवासिनी दरबार को देख लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। यह परिवर्तन सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कारिडोर योजना से संभव हो पाया है।
मीरजापुर, जेएनएन। सनातन धर्मावलंबियों की श्रद्धा व आस्था से जुड़ा मां विंध्यवासिनी का दरबार अब नए कलेवर में जगमगाने लगा है। संकरी गलियों से मुक्त विंध्यवासिनी दरबार को देख लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। यह परिवर्तन सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कारिडोर योजना से संभव हो पाया है। कारिडोर का निर्माण पूरा होने के बाद अद्भुत और अनुपम मंदिर की भव्यता बढ़ती जाएगी। इसके बाद विंध्यधाम विश्व पटल पर चमकेगा।
चैत्र नवरात्र आते ही विंध्यधाम में प्राकृतिक खूबसूरती के साथ ही आस्था की हिलोरें चरम पर हैं। श्रद्धा के इसी समंदर में विंध्यवासिनी के अतुल्य वैभव से विंध्यधाम चमकने-दमकने लगता है। मंदिर पर किया गया आकर्षक विद्युत सजावट श्रद्धालुओं को खुद-ब-खुद आकर्षित कर रहा है। मंदिर के चारों तरफ बैरिकेडिंग करके दर्शनार्थियों को अंदर प्रवेश दिया जा रहा है और दूसरे रास्ते से बाहर निकाला जा रहा है, ताकि कोरोना से बचाव किया जा सके और मां का दर्शन भी आसानी से हो सके। आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी के चौखट पर आने के साथ ही श्रद्धालुओं को विंध्य कारिडोर के भव्य स्वरूप का आभास होने लगा है। विंध्यवासिनी मंदिर से अविरल गंगा का भी दर्शन कराने की तैयारी चल रही है। चैत्र नवरात्र के अवसर पर विंध्यवासिनी धाम में रंग-बिरंगी छटा अलौकिक दृश्य उत्पन्न कर रही है।
मां विंध्यवासिनी का आंगन लाल चुनरी से सजा है, जो माहौल को और दिव्य बना रहा है। वैसे तो माता के मंदिर में सजावट हमेशा बनी रहती है, लेकिन नवरात्र के दौरान यहां की सजावट दूर से ही भक्तों का ध्यान आकर्षित करती है। मंदिर परिसर रोशनी से नहाया नजर आ रहा है। इसके अतिरिक्त मंदिर की फूलों से की गई सजावट देखते ही बनती है। विंध्य पर्वत की वादियों के बीच तमाम प्राकृतिक झरने हैं, जो अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। विंध्य क्षेत्र निरंतर विकास के नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। यहां का नागरिक दशकों से विकास को लेकर उतावला था, जो अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है।
त्रिकोण परिक्रमा पथ का भी होगा सुंदरीकरण
विंध्य कारिडोर योजना की शुरुआत नवंबर 2020 को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद हुई। कारिडोर के अंतर्गत आपसी सहमति से परिक्रमा पथ निर्माण के लिए 50 फीट के दायरे में रहने वाले रिहायशी-व्यवसायी भवनों का ध्वस्तीकरण करने के बाद मलबा हटाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। कारिडोर निर्माण पूर्ण करने के लिए शासन ने 2021 की समय सीमा तय की है। मां विंध्यवासिनी मंदिर के अलावा त्रिकोण परिक्रमा के अंतर्गत विंध्य पर्वत पर विराजमान मां काली, मां अष्टभुजा के साथ ही गेरुआ तालाब, भैरव कुंड, सीताकुंड व रामेश्वर मंदिर का भी सुंदरीकरण प्रस्तावित है।