विंध्य कारिडोर : जबरन कार्रवाई के विरोध में पंडा समाज, सौंपा ज्ञापन, नहीं मिल रहा उचित मुआवजा
सोमवार को स्थानीय पंडा समाज ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। विंध्य पंडा समाज का कहना है कि प्रशासन लिखित रुप से कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
मीरजापुर, जेएनएन। मां विंध्यवासिनी कारिडोर का विरोध अब खुलकर सामने आने लगा है। बीते शनिवार को दुकानें बंद रखकर विरोध किया गया। वहीं सोमवार को स्थानीय पंडा समाज ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। विंध्य पंडा समाज का कहना है कि प्रशासन लिखित रुप से कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मुआवजे की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है जिसकी वजह से आम लोगों में डर, भय और संशय का वातावरण बना हुआ है।
विंध्य जन संघर्ष समिति के बैनर तले इकटठा हुए सर्व समाज के लोगों ने सोमवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई। अध्यक्ष राजन पाठक ने कहा कि अधिकारी अपने बयानों से पल्ला झाड़ रहे हैं। पहले दुकान देने की बात कही गई और अब शासन को प्रस्ताव भेजने की बात हो रही है। बार-बार नाप होने की वजह से लोगों में असंतोष फैल रहा है। उन्होंने कहा कि प्राचीन धार्मिक नगरी को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए हम सभी इसका विरोध कर रहे हैं। यदि यहां के लोगों की बात नहीं मानी जाती तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में गया प्रसाद चौरसिया, संजय कुमार, संतलाल, रामनरेश, शंकर मोदनवाल, श्याम जी चौरसिया, रीशु गुप्ता, रामबाबू चौरसिया, महेंद्र मोदनवाल आदि रहे।
60 में से 23 लोग दे चुके हैं सहमति
विंध्य कारिडोर के मसले पर नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा ङ्क्षसह ने बताया कि कारिडोर व परिक्रमा पथ मेें कुल 60 लोग प्रभावित होंगे। जबकि इनकी कुल संपत्तियों की संख्या 92 है। इनमें से 23 लोगों ने अपनी सहमति दे दी है। सहमति के आधार पर ही प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा और संस्तुति होने पर सभी औपचारिकताएं पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन लोगों की मांग से शासन को अवगत कराएगा और जो स्वीकृति मिलेगी उसी के अनुसार लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। इसमें किसी तरह का भ्रम नहीं है और लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी।