चंदौली में पूर्व प्रधान का शव रखकर ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम, तीन घंटे तक बाधित रहा आवागमन
अमड़ा गांव के पूर्व प्रधान रमेश कुमार (38) का शव शुक्रवार को गांव पहुंचा। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। सूचना के बाद सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव व पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू भी पहुंच गए।
चंदौली, जेएनएन। अमड़ा गांव के पूर्व प्रधान रमेश कुमार (38) का शव शुक्रवार को गांव पहुंचा। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। सूचना के बाद सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव व पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू भी पहुंच गए। पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने लगभग तीन घंटे तक हाईवे जाम रखा। इससे दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई थी। एसपी अमित कुमार, सदर एसडीएम संजीव कुमार ने एक सप्ताह के अंदर हत्यारोपितों की गिरफ्तारी व आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा देकर शांत कराया। इसके बाद ग्रामीण शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए और चक्काजाम समाप्त हुआ।
रमेश कुमार 24 मई को ही घर से गायब थे। 25 मई तक घर नहीं आए तो परिजनों ने उनके लापता होने की सूचना सदर कोतवाली पुलिस को दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 26 मई की रात सुल्तानपुर जिले में रेलवे ट्रैक के किनारे उनका शव पड़ा हुआ पाया गया। सिर व जांघ में गोली लगी थी। स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की जानकारी होने के ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। गुरुवार को कोतवाली का घेराव किया था। शुक्रवार की सुबह शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण मुखर हो गए। वहीं शव को बिछियां गांव के समीप हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। इससे दोनों लेन पर आवागमन बाधित हो गया। सूचना के बाद एसपी, सदर एसडीएम मौके पर पहुंचे।
सुरक्षा के मद्देनजर कई थानों की फोर्स व पीएसी को तैनात कर दिया गया था। सकलडीहा विधायक व पूर्व विधायक भी पहुंच गए थे। जनप्रतिनिधियों ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। अधिकारियों ने एक सप्ताह में हत्यारोपितों की गिरफ्तारी और मृतक के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके बाद ग्रामीण मानें और चक्काजाम समाप्त किया। लगभग तीन घंटे तक हाईवे पर आवागमन बाधित रहा। जाम में एंबुलेंस व जिला अस्पताल के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी फंसे रहे। वहीं अधिकारियों-कर्मचारियों ोको भी दफ्तर पहुंचने में परेशानी झेलनी पड़ी।