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महंगाई की चोट से कसीली हुई सब्जियां, एक माह में 10 से लेकर 30 रुपये तक बढ़ी महंगाई

लॉकडाउन में रोजगार छूटने के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। दुकानें बंद होने से दरवाजे तक पहुंच रही सस्ती सब्जी देख लोग राहत महसूस कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 06:20 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 06:20 PM (IST)
महंगाई की चोट से कसीली हुई सब्जियां, एक माह में 10 से लेकर 30 रुपये तक बढ़ी महंगाई
महंगाई की चोट से कसीली हुई सब्जियां, एक माह में 10 से लेकर 30 रुपये तक बढ़ी महंगाई

भदोही, जेएनएन। लॉकडाउन में रोजगार छूटने के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। किसी तरह जोड़-तोड़ कर गृहस्थी की गाड़ी खींच रहे लोगों को सब्जियों की महंगाई की आंच झुलसाने लगी है कि चूल्हे के बजाय सब्जियों के भाव सुनकर रसोई गरम होने लगी है। लॉकडाउन में महंगाई नियंत्रित थी। दुकानें बंद होने से दरवाजे तक पहुंच रही सस्ती सब्जी देख लोग राहत महसूस कर रहे थे।

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जब से अनलॉक लागू हुआ है, स्थिति कंट्रोल से बाहर होती जा रही है। जून के दूसरे सप्ताह से जुलाई के पहले पखवारे तक लगातार हुई बारिश के चलते उत्पादन कम होना या माल भाड़ा में हुई बढ़ोत्तरी से दाम चढ़ गया। कारण जो भी हो लेकिन सब्जियां खूब भाव खाने लगी हैं। पिछले एक माह की तुलना में रेट में 15 से 20 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। गरीब व अमीर हर घर की शान समझा जा रहा आलू भी गरीबों की पहुंच से बाहर हो चुका है। परवर, टमाटर व बैगन व बजरबट्टू जैसी सब्जियां खरीदना तो पहले से ही वश के बाहर थी। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है।

चोखा का रंग हुआ फीका

बाटी-चोखा की पार्टी अब महंगी साबित हो रही है। घर पर भी लोगों को चोखा का रंग फीका लगने लगा है। 25 से 30 रुपये किलो आलू, 40 से 50 बैगन, 80 से 100 रुपये किलो पहुंच चुके टमाटर व 200 रुपये किलो की हरी धनिया ने चोखा को आम जन की पहुंच से बाहर कर दिया है।

आलू ने पकड़ी बंगाल की राह

दरअसल, आलू की महंगाई के पीछे मुख्य कारण इसे बंगाल भेजा जाना है। गोपीगंज स्थित मंडी के थोक व्यापारी मुमताज अहमद ने बताया कि बंगाल में आलू नहीं रह गया है। कौशांबी, फर्रुखाबाद, कानपुर व छिबरामऊ से बड़ी मात्रा में आलू बंगाल भेजा जा रहा, इससे दाम में तेजी आई है। यदि आलू बाहर न जाता तो 15 रुपये से अधिक कीमत नहीं होती। मौजूदा समय में थोक मंडी में 22 से 23 रुपये किलो आलू बेची जा रही है। वैसे देखा जाय तो मंडी में आलू प्याज की कमी नहीं है। व्यापारियों के गोदाम भरे पड़े है। कृत्रिम संकट दिखाकर दाम में बढ़ोत्तरी से इन्कार नहीं किया जा सकता।  

सब्जियों का प्रति किलो तुलनात्मक रेट

सब्जी   अब   माह पहले  वृद्धि

आलू    28     12     12  

पालक   40     20     20

पत्ता गोभी 30     10     20

अदरक   100    80     20

बैगन     50     20    30

लहसुन   120   100     20

बोड़ा    60     30     30

परवर    60     30     30

नेनुआ   20     12     08

भिंडी    20     10     10

प्याज    14     10     04


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