Vegetable Rate : आलू का अर्द्धशतक होने के बाद अब आम आदमी को रुलाने में जुटी प्याज
बलिया जिले में लाख प्रयास के बावजूद आलू का भाव नियन्त्रित नहीं हो पा रहा है। आलू का भाव अर्द्धशतक तक पहुंच गया है। जिसके चलते आम लोगों के थाली से आलू दूर हो गया है। जबकि प्याज 70 रुपये प्रतिकिलो तक बाजारों मे बिक रही है।
बलिया, जेएनएन। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद आलू का भाव नियन्त्रित नहीं हो पा रहा है। आलू का भाव अर्द्धशतक तक पहुंच गया है। जिसके चलते आम लोगों के थाली से आलू दूर हो गया है। सब्जियों का राजा कहे जाने वाला आलू 50 रुपये प्रतिकिलो तक बाजारों मे बिक रहा है। जबकि, सरकार ने सभी शीतगृह संचालकों को निर्देशित किया है कि 31 अक्टूबर तक सभी श्ाीत गृह खाली हो जाना चाहिए। सरकार के निर्देश के बाद शीतगृहों से आलू निकाला भी जा रहा है। बावजूद इसके आलू का भाव निरंतर बढ़ता जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर के महीने मे आलू का कोई खरीददार नहीं था। जिन किसानों ने शीत़गृह में आलू रखे थे, उन्हें खरीददार नहीं मिलने के कारण आलू शीतगृह में ही छोड़ देना पड़ा था। फलस्वरुप आलू उत्पादकों व शीतगृह संचालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।इन्हीं कारणों से आलू की खेती का रकबा पिछले साल काफी सिमट गया था। जिसके कारण इस साल आलू का भाव आसमान छूने लगा।
इसरी तरफ प्याज का भाव भी अप्रैल की तुलना में दस गुना तक इन दिनों बढ़ गया है। अप्रैल में प्याज सात से आठ रुपये प्रति किलो बिक रही थी जो अब 70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रही है। मसलन पहले प्याज काटने पर आंख से आंसू निकलता था। अब प्याज खरीदने पर आंसू निकल रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने आलू प्याज का मूल्य नियन्त्रित करने के लिए सरकार से जरूरी उपाय करने की मांग की है।