एचआइवी इलाज में माडल बनेगा वाराणसी, आइसीटीसी सेंटर में सुबह आठ से दो बजे तक होगी जांच
एचआइवी के इलाज में वाराणसी माडल जिला बनाया जाएगा। राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डा. हीरालाल यादव ने बुधवार को वाराणसी में पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में इस संबंध में अफसरों के साथ बैठक की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। एचआइवी के इलाज में वाराणसी माडल जिला बनाया जाएगा। राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डा. हीरालाल यादव ने बुधवार को पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में इस संबंध में अफसरों के साथ बैठक की। कहा कि सामाजिक संकोच के कारण इससे पीड़ितों में बहुत से सामने नहीं आते और दर्द झेलते हुए दुनिया से चले जाते हैं। एेसे में उनके एआरटी सेंटर आने का इंतजार करने की बजाय आउटरीच कैंप लगाए जाएं। जांच का दायरा बढ़ाते हुए कांटेक्ट ट्रेसिंग पर भी जोर दिया जाए।
अध्यक्षता कर रहे जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डा. राहुल सिंह ने बताया कि फिलहाल तीन हजार तक एचआइवी पाजिटिव सेंटरों तक आ रहे हैं। अनुमान के अनुसार इनकी संख्या चार हजार तक होनी चाहिए। इसके लिए झिझक तोड़नी होगा। आइसीटीसी, पीपीटीसी सेंटर को अपने लक्ष्य के प्रति एचआइवी की जांचों व कैंप लगाकर हाइरिस्क समूह के व्यक्तियों व उनके परिवार के सदस्यों की जांच करने के लिए कहा गया।
सुबह आठ से दो बजे तक होगी जांच
यह भी तय हुआ कि सभी आइसीटीसी सेंटर अपने यहां सुबह बजे से दोपहर बाद दो बजे तक सैम्पल एकत्र कर जांच करेंगे। जांच केंद्र पर जांच का समय आठ बजे से दो बजे का अंकन किया जाए। ओएसटी सेंटर को ज्यादा से ज्यादा मरीजों की दवा प्रारंभ करने व वं उन्हें अपने सेंटर पर रजिस्टर्ड करने, साथ आइडीयूएलएफयू को दवा ले रहे मरीजों के माध्यम से ट्रैक करने के लिए कहा गया। बैठक में केंद्रीय कारागार प्रिजनर इंटर्वेशन के लिए नए स्थापित लिंक, एआरटी सेंटर हेतु बजट आवंटन पर भी चर्चा की गई। बैठक में संयुक्त निदेशक डा. रमेशचंद्र श्रीवास्तव, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर नितीश राय के साथ ही अन्य कई अधिकारी शामिल थे।
गंदी दीवारें देख चौंके अपर निदेशक
इससे पहले राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डा. हीरालाल यादव ने दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल परिसर स्थित एआरटी सेंटर, आइसीटीसी सेंटर, ब्लड बैंक व ओएसटी सेंटर का निरीक्षण किया। साफ-सफाई व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के साथ ही फाइलों व रजिस्टरों को मानक के अनुरूप रख-रखाव करने के लिए चिकित्साधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिया। परिसर की दीवारें गंदी देख चौंके। इन पर पेंट कराने के साथ शौचालय की मरम्मत कराने का निर्देश दिया। कहा, आइसीटीसी सेंटर में खराब पड़े सामान निस्तारित किए जाएं। चिकित्सालय के ब्लड बैंक में चिकित्साधिकारी व कर्मचारी सामंजस्य बनाकर काम करें।