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Varanasi City Weather Forecast : अभी दो-तीन दिन तक ऐसे ही रहेगा मौसम, आसमान में छाए बादल

Varanasi Weather Upate मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अभी पूर्वांचल में दो-तीन दिनों तक बरसात होगी। आसमान में काले बादल छाए रहेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 12:15 PM (IST)
Varanasi City Weather Forecast : अभी दो-तीन दिन तक ऐसे ही रहेगा मौसम, आसमान में छाए बादल
Varanasi City Weather Forecast : अभी दो-तीन दिन तक ऐसे ही रहेगा मौसम, आसमान में छाए बादल

वाराणसी, जेएनएन। इस बार 14 जून को ही मानसून आ गया, जो 21 को आने वाला था। जब से मानसून आया है तभी से लगातार हल्की या तेज रोज बारिश हो रही है। गुरुवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए है। बुधवार को कई बार बूंदाबांदी जरूर हुई। इसके कारण उमस भी बढ़ गई थी। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अभी ऐसे ही दो-तीन दिनों तक मौसम रहने की संभावना है।

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इस साल तो जून की बारिश ने कई दशक का रिकार्ड तोड़ दिया है। हालांकि दर्ज रिकार्ड के अनुसार जून 2008 के बाद सबसे अधिक बारिश इस साल हुई। बीएचयू के अनुसार जून में इस साल 366.7 मिमी बारिश हुई थी, जबकि 2008 में 345 मिमी हुई थी। जुलाई के पहले दिन में भी भोर में बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार सुबह साढ़े आठ से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 5.9 मिमी बारिश हुई थी।

मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर अभी भी एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके कारण बारिश की संभावना जारी है। हालांकि जब यह हटेगा तो करीब दो सप्ताह गायब भी हो जाएगा।

गंगा का जलस्तर बढ़ाव पर

गंगा के जलस्तर में इस साल जून में ही उतार-चढ़ाव होने लगा। जुलाई के पहले दिन में भी गंगा बढ़ाव पर ही बह रही थीं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 60.6 मिमी पर था।

आजमगढ़ में घाघरा के जलस्तर कम होने के साथ बढ़ा कटान का खतरा

सगड़ी क्षेत्र के उत्तर दिशा में बहने वाली घाघरा नदी अभी से डराने लगी है। दस बीघा भूमि को धारा में विलीन करने के बाद भी नदी का तेवर सामान्य नहीं हुआ है। खास बात यह कि नदी की प्रवृत्ति काफी भिन्न है। नदी बढ़ाव पर होती है तो संकट कम हो जाता है। ज्यादा से ज्यादा कोई बस्ती डूबती है लेकिन जलस्तर घटने के साथ कटान शुरू हो जाती है। रात में सौ मीटर दूर बहने वाली नदी सुबह तक कितने मीटर के दायरे को समाहित कर लेगी, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा पाता। मुख्य मापस्थल बदरहुआ नाले के पास मंगलवार की शाम चार बजे 70.85 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया जो बुधवार की शाम चार बजे 70.69 मीटर रहा। यानी चौबीस घंटे में 16 सेमी जलस्तर कम हुआ और यही तटवर्ती लोगों की ङ्क्षचता का कारण बन गया है। नदी के किनारे का मुराली का पुरवा, त्रिलोकी का पुरवा, साधु का पुरवा, बगहवा आदि गांव की खेती योग्य भूमि घाघरा में सकाटने से किसानों के माथे पर बल पड़ गया है।


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