वाराणसी नगर निगम : महारजिस्ट्रार के पास जाएगा जन्म-मृत्यु पंजीकरण का मामला, पार्षदों ने विलंबित केस की उठाई मांग
विलंबित रजिस्ट्रेशन नहीं करने का मुद्दा नगर निगम में गरमा गया है। पार्षदों का एक दल नगर स्वास्थ्य अधिकारी से मिला और विलंबित रजिस्ट्रेशन करने की मांग की। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने आश्वस्त किया कि इस मामले को महानिदेशक-महारजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु को पत्र भेज कर अवगत कराया जाएगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। विलंबित रजिस्ट्रेशन नहीं करने का मुद्दा नगर निगम में गरमा गया है। पार्षदों का एक दल नगर स्वास्थ्य अधिकारी से मिला और विलंबित रजिस्ट्रेशन करने की मांग की। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह ने आश्वस्त किया कि इस मामले को महानिदेशक-महारजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु को पत्र भेज कर अवगत कराया जाएगा। उसके बाद अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।
वास्तव में पार्षदों ने जन्म- मृत्यु पंजीकरण के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अधिनियम के तहत एक महीने से ऊपर व एक वर्ष के भीतर के जन्म-मृत्यु का विलंबित रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है। इसके लिए उप मुख्य चिकित्साधिकारी को आवेदन दिया जाता है और सीएमओ के प्रतिनिधि के तौर पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय उस आवेदन को स्वीकार करता है, लेकिन विलंबित रजिस्ट्रेशन नहीं करने से जनता परेशान हो रही है। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों से लेकर बीएचयू व नगर निगम कार्यालय तक दौड़ लगा रही है, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। पार्षदों का यह भी कहना था कि नगर निगम के जिन पांचों जोनल अधिकारियों को तत्कालीन जन्म-मृत्यु पंजीकरण का जो अधिकार दिया गया है वह नियम सम्मत नहीं है। कायदे-कानून को ताक पर रखकर उनसे रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन का अधिकार सिर्फ राजपत्रित अधिकारी को है जो नगर निगम में नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त के अलावा केवल एनएसए को है। पार्षदों के दल में राजेश जायसवाल, संजय जायसवाल, सिंधु सोनकर, विनित सिंह के अलावा पूर्व पार्षद अशोक मिश्रा, राजेश यादव आदि थे।
Edited By Saurabh Chakravarty