वाराणसी नगर निगम सदन की कराएं वर्चुअल बैठक, पार्षदों ने महापौर व नगर आयुक्त को लिखा पत्र
वाराणसी नगर निगम सदन की बैठक बीते छह माह से नहीं हुई है। इसको लेकर पार्षदों ने आवाज बुलंद की है।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम सदन की बैठक बीते छह माह से नहीं हुई है। इसको लेकर पार्षदों ने आवाज बुलंद की है। महापौर मृदुला जायसवाल समेत नगर आयुक्त गौरांग राठी को पत्र भी लिखा लेकिन प्रशासनिक अफसरों की ओर की ओर से पार्षदों को मिले जवाब के बाद राजनीति भी गरम हो गई है। अब सपा के वरिष्ठ नेता व शतरुद्र प्रकाश ने महापौर को पत्र लिखकर अधिनियमों को उनके समक्ष बिंदुवार रखा है। सुझाव दिया कि यदि कोरोना संक्रमण के कारण भौतिक तौर पर बैठक आहूत करना संभव नहीं है तो वर्चुअल किया जा सकता है।
साफ कहना है कि नगर निगम सदन की बैठक बीते छह माह से नहीं होना अधिनियम के विरुद्ध है। उन्होंने नगर का एक नागरिक व विधान परिषद सदस्य होने के नाते शतरुद्र प्रकाश ने रविवार को महापौर मृदुला जायसवाल को पत्र लिखा है। प्रदेश अपने दायित्वों का निर्वाह करने के लिए ही धारा 88 ( 1 ) मे स्पष्ट प्राविधान किया गया है कि प्रत्येक वर्ष में कम से कम छह तथा हर दो माह में एक बैठक आहूत की जाए। हांलाकि, महामारी कोविड -19 के संकट को देखते हुए इस तरह की बैठकों को आहूत करने मे स्वास्थ संबंधी समस्या को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है ङ्क्षकतु इसके साथ-साथ निगम को अपने संवैधानिक व वैधानिक दायित्वों का पालन भी करना है। विशेषत: धारा 88 ( 1 ) की आवश्यक प्राविधानों का पालन करना जरूरी है। ऐसे कठिन समय में बीच का विकल्प है कि धारा 88 ( 1 ) के अंतर्गत निगम की वर्चुअल बैठकों का अधिवेशन आहूत किया जाए। उप्र विधान मंडल की 20 अगस्त को संपन्न हुए सत्र में इस तरह की व्यवस्था की गई थी। एक अगस्त 2020 को संपन्न हुई वाराणसी जिला विकास समन्वय एंव निगरानी समिति की बैठक भी आभासी यानि वर्चुअल आहूत की गई थी। इस बैठक में करीब 125 से अधिक व्यक्तियों ने भागीदारी की थी चूंकि नगर निगम का अधिवेशन आहूत करने की शक्ति अधिनियम की धारा 88 ( 2 ) के अनुसार महापौर में निहित है। अत : यह उचित व समीचीन होगा कि निगम का अधिवेशन जो कोविड -19 की वजह से करीब छह महीने की अवधि बीत जाने पर भी नहीं आहूत किया जा सका है लेकिन अब तो वर्चुअल आधिवेशन के रूप मे आहूत किया जाए।