वाराणसी नगर निगम शहरी हुए 86 गांवों में 534 सफाई कर्मी नियुक्त, आउटसोर्सिंग से हुई तैनाती
वाराणसी के शहरी हुए 86 गांवों में सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम ने कवायद की। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने इन गांवों की सफाई व्यवस्था के लिए 534 सफाई कर्मियों को नियुक्त किया है। कर्मियों को सफाई संबंधित जानकारी के लिए शहीद उद्यान में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शहरी हुए 86 गांवों में सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम ने कवायद की। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने इन गांवों की सफाई व्यवस्था के लिए 534 सफाई कर्मियों को नियुक्त किया है। कर्मियों को सफाई संबंधित जानकारी के लिए शहीद उद्यान में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह ने सफाई कर्मियों को सुरक्षा उपकरण देकर रवाना किया। फिलहाल, यह सभी कर्मी आउटसोॄसग से तैनात किए गए हैं। दोपहर में शहीद उद्यान में एक कार्यक्रम के दौरान इन सभी सफाईकॢमयों को नगर निगम की ओर से नगर आयुक्त गौरांग राठी ने टी-शर्ट, हैंड ग्लब्स, कोविड-19 की गाइडलाईन्स के अनुसार मॉस्क, सेनेटाइजर आदि देकर इन गांवों की ओर रवाना किया। नगर आयुक्त ने कहा कि आप सभी का प्रयास होना चाहिए कि शहर हो रहे इन गांवों में बेहतर साफ-सफाई करके अपने नाम को आगे करें। इन कर्मचारियों को वेतन के साथ मिलने वाले ईपीएफ व ईएसआईसी के बारे में भी नगर आयुक्त ने विस्तार से बताया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.एनपी सिंह ने बताया कि इन शहरी गांवों को पांच सफाई सब-जोन में बांटा गया है जिनमें सिगरा में 12, खोजवां में 15, नगवां में छह, शिवपुर में 24 व सारनाथ में 28 गांव शामिल किए गए हैं। इस मौके पर अपर नगर आयुक्त प्रथम देवीदयाल वर्मा, कम्प्यूटर कोआॢडनेटर संदीप श्रीवास्तव समेत सभी जोन व सबजोन के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक रहे।
रिक्शा, ठेला, नावों को मिलेगा कम्प्यूटराइज लाइसेंस
नगर निगम के अनुज्ञप्ति विभाग ने पहली बार रिक्शा, ट्राली, ठेला, ठेली व विभिन्न प्रकार के नावों को प्रतिवर्ष जारी की जाने वाला लाइसेंस अब कंप्यूटराइज्ड हो गया है। इसके तहत क्यूआर कोड के माध्यम से जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। क्यूआर कोड युक्त लाइसेंस में लाइसेंस धारक का लाइसेंस नंबर, नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नंबर, जारी करने का वर्ष, वैधता अवधि आदि का विवरण दर्ज है। क्यूआर कोड प्लास्टिक कोडेड व वाटर प्रूफ भी है, जो जल्दी खराब नहीं होता है। लाइसेंस विभाग की ओर से अभी तक रिक्शा के 1782, ठेला-ठेली के 116, हाथ ठेला के 20, मोटर बोट, बजड़ा, व नावों के 918 क्यूआर कोड लाइसेंस जारी किया जा चुका है। पूर्व में टिन से बना हुआ लाइसेंस जारी किया जाता था, जिसमें संपूर्ण विवरण दर्ज नहीं होते थे। कंप्यूटरीकृत क्यूआर कोड के माध्यम से लाइसेंस जारी होने पर लाइसेंस धारक का पूर्ण डाटा स्वत: कंप्यूटरीकृत तैयार हो जाता है।