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पंजाब विधानसभा चुनाव में छाया बनारस, सत्ताधारी ही नहीं विपक्षी दल और जनता भी चुनाव टालने के पक्ष में

पंजाब में अब सभी 14 फरवरी को होने वाले चुनाव को टालने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि संत रविदास जंयती पर पंजाब से लाखों श्रद्धालु उनके जन्मस्थली वाराणसी चले जाएंगे और अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:26 PM (IST)
पंजाब विधानसभा चुनाव में छाया बनारस, सत्ताधारी ही नहीं विपक्षी दल और जनता भी चुनाव टालने के पक्ष में
पंजाब में अब सभी 14 फरवरी को होने वाले चुनाव को टालने की मांग कर रहे हैं।

वाराणसी [देवेंद्र सिंह]। पंजाब विधानसभा चुनाव में बनारस अब अहम मुद्दा बन गया है। सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा तो इस शहर का नाम ले ही रही थी अब तो जनता की जुबान पर भी बनारस की चर्चा है। इसका नाम लेते हुए सब 14 फरवरी को होने वाले चुनाव को टालने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि संत रविदास जंयती पर पंजाब से लाखों श्रद्धालु उनके जन्मस्थली वाराणसी चले जाएंगे और अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

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जालंधर में सोमवार सुबह बड़ी संख्या में रैदासी सड़क पर आ गए। बनारस में 10 से 16 फरवरी तक आयोजित होने वाले रविदास जंयती में शामिल होने की मांग को लेकर सड़क जाम करके धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि वो जयंती समारोह में शामिल होने के लिए बनारस जाना चाहते हैं। ऐसे में 14 फरवरी को पंजाब में होने वाले चुनाव में अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित रह जाएंगे। उनकी मांग है कि चुनाव को टाला जाए ताकि अपने गुरु की चरण धूलि लेने काशी भी जा सकें और वापस आकर पंजाब में अपने मताधिकार का प्रयोग भी कर सकें। चुनाव के वक्त लाखों मतदाताओं की गैरमौजूदगी से चुनाव प्रभावित होगा। वो अपने मनचाहे प्रत्याशी को चुनने से वंचित रह जाएंगे। 

पंजाब भाजपा के महासचिव ने लिखा पत्र : पंजाब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 14 फरवरी को होने वाले चुनाव को टालने की मांग की है। उन्होंने भी बनारस में आयोजित होने वाले संत रविदास जंयती का जिक्र करते हुए कहा कि पंजाब में रहने वाली 32 प्रतिशत अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले लाखों श्रद्धालु दस से 16 फरवरी तक छह दिवसीय आयोजन में शामिल होने वाराणसी जाएंगे। इसके चलते वो 14 फरवरी को होने वाले मतदान में भाग नहीं ले सकेंगे। इसके पहलेपंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कुछ दिनों पहले चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को टालने की मांग की। पत्र में लिखा कि गुरु रविदास जयंती पर दस से 16 फरवरी तक उनकी जन्मस्थली बनारस में होने वाले वृहद आयोजन में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु पंजाब से जाएंगे। इस वजह से वह मतदान नहीं कर सकेंगे। पत्र में उन्‍होंने जिक्र किया है कि पंजाब के लगभग 20 लाख श्रद्धालु वाराणसी के सीर गोवर्धन में संत रविदास को नमन करने के लिए जाएंगे।

बनारस में तेज हुई तैयारी : श्री गुरु रविदास मंदिर जन्मस्थान सीरगोवर्धनपुर में संत रविदास जयंती पर आयोजित होने वाले कायर्क्रम की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। हालांकि आयोजन पर कोरोना की तीसरी लहर का असर पड़ेगा। मंदिर प्रबंधन की तरफ से व्यवस्था देख रहे ट्रस्टी के एल सरोये ने बताया कि पंजाब चुनाव और कोरोना संक्रमण  के कारण श्रद्धालुओं की संख्या भी कम रहेगी और उसी के अनुरूप पंडालों में व्यवस्था की जा रही है। जयंती की तैयारियों के लिए जल्द ही पंजाब और हरियाणा से सेवादारों का जत्था आने वाला है। कोरोना के कारण ट्रेनों का आवागमन भी काफी प्रभावित है जिसके कारण सेवादार और श्रद्धालुओं की संख्या भी कम रहेगी। ट्रस्टी सरोये ने बताया कि 15 - 20 पंडालों और लंगर हाल का काम किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रबंधन की तरफ से मंदिर , पंडाल और सत्संग स्थल पर सैनिटाइजेशन और श्रद्धालुओं की संख्या पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


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