Varanasi Gyanvapi case :अंजुमन इंतजामिया और सून्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई आज
वाराणसी ज्ञानवापी केस मामले में शनिवार को इंतजामिया व सून्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड याचिका पर सुनवाई होगी। कोर्ट में इस मामले में विगत कई पर सुनवाई अलग अलग तारीख पर हो चुकी है। कोर्ट वाद के कई पक्ष को सुन कर आगे की तिथि दे रही है।
वाराणसी,जेएनएन। ज्ञानवापी मामले में जिला जज ओमप्रकाश त्रिपाठी की अदालत में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल निगरानी याचिका पर शनिवार को सुनवाई होगी।ज्ञात हो कि बीते चार जनवरी को इस याचिका पर सुनवाई होनी थी किन्तु एक अधिवक्ता के निधन के कारण सुनवाई टल गई थी। इसके पूर्व जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं ने इस मुकदमे में हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में जारी स्थगन आदेश का हवाला देकर निचली अदालत से पत्रावली तलब करने की अपील की थी। इस अपील पर पक्षकार प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र द्वारा आपत्ति जताई गई। दोनो पक्षों की बहस सुनने के पश्चात् जिला जज ने निचली अदालत से पत्रावली तलब करने का आदेश देते हुए अग्रिम सुनवाई के लिए चार जनवरी की तिथि मुकर्रर किया था।
बता दें कि वर्ष 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ तथा अन्य पक्षकारों ने ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा पाठ करने के अधिकार देने को लेकर मुकदमा दायर किया था।इस मामले में वादमित्र पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने ज्ञानवापी परिसर तथा कथित विवादित स्थल का भौतिक एवं पुरातात्त्विक दृष्टि से भारतीय सर्वेक्षण विभाग से राडार तकनीक से सर्वेक्षण कराने की अदालत से अपील की थी। वादमित्र के इस अपील पर सुनवाई अभी लंबित है। इस दौरान सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर मुकदमे की सुनवाई करने के सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई।इनकी ओर से दलील दी गई थी कि वक्फ न्यायाधिकरण के गठन के बाद उक्त मामले की सुनवाई का सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत को क्षेत्राधिकार नहीं है। सिविल जज ने दोनों पक्षकारों की बहस सुनने तथा नजीरों के अवलोकन के पश्चात् 25 फरवरी 2020 को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की चुनौती को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि मुसलमानों के मध्य विवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार वक्फ न्यायाधिकरण को है जबकि गैर मुस्लिम के स्वत्व की सुनवाई का क्षेत्राधिकार सिविल कोर्ट को है। सिविल जज के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर की गई है।
हत्यारोपित की जमानत अर्जी खारिज
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) पशुपतिनाथ मिश्र की अदालत ने हत्या के एक मामले में चोलापुर थाना क्षेत्र के दुमितिया गांव निवासी आरोपित रामजीत उर्फ रामजी यादव व प्रमोद कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दिया। जमानत का विरोध एडीजीसी रोहित मौर्य एवं वादी पक्ष के अधिवक्ताद्वय अनुज यादव व धनंजय यादव ने किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 सितंबर 2020 को सुबह साढ़े छह बजे पुरानी रंजिश को लेकर हाजीपुर गांव निवासी रामदुलार यादव पर उक्त आरोपितों के अलावा हीरालाल यादव,श्याम उर्फ प्यारे यादव,गुलाब यादव,पप्पू,पूजन यादव और अन्य ने लाठी डंडों से पिटाई कर हत्या कर दिया था। मृतक के भाई रामजीत यादव ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
कोतवाली इंस्पेक्टर कोर्ट में तलब
भरण पोषण के लंबित मुकदमा में जारी वारंट के संबंध में भ्रामक आख्या देने पर परिवार न्यायालय (द्वितीय) ने कोतवाली इंस्पेक्टर को 13 फरवरी को तलब किया है। जैतपुरा थाना से संबंधित भरण पोषण के एक लंबित मामले में पति से लगभग एक लाख रुपए की रिकवरी के लिए अदालत द्वारा आठ दिसंबर 2020 को रिकवरी वारंट जारी किया गया था।
अदालत में दी अर्जी
मंडुवाडीह निवासी एक व्यक्ति को घर से जबरदस्ती ले जाकर उसके पैर में गोली मारकर जख्मी करने का आरोप लगाते हुए पं दीनदयाल उपाध्याय नगर के पूर्व थाना प्रभारी शिवानन्द मिश्र व एसआई सत्येंद्र विक्रम सिंह समेत अन्य के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया गया है। धारा 156 (3) के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र के परिप्रेक्ष्य में अदालत ने मंडुवाडीह थाना से आख्या तलब की है।