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स्वच्छता सर्वेक्षण : 72 वें से 14 वें स्थान पर स्‍वच्‍छता रैंकिंग में पहुंचा पीएम मोदी बनारस

स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम ने 58 स्थान ऊपर चढ़ते हुए 14वें स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज जरूर कराई है लेकिन अभी भी और कदम उठाने की जरूरत है।

By Edited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 02:02 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 02:03 AM (IST)
स्वच्छता सर्वेक्षण : 72 वें से 14 वें स्थान पर स्‍वच्‍छता रैंकिंग में पहुंचा पीएम मोदी बनारस
स्वच्छता सर्वेक्षण : 72 वें से 14 वें स्थान पर स्‍वच्‍छता रैंकिंग में पहुंचा पीएम मोदी बनारस

वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम ने 58 स्थान ऊपर चढ़ते हुए 14वें स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। गत सर्वेक्षण में नगर निगम वाराणसी 72वें स्थान पर था। यह रैंकिंग जुलाई से सितंबर महीने के प्रदर्शन के आधार पर पर तय हुई है। अभी हाल में ओडीएफ प्लस के सर्वेक्षण के दिल्ली की टीम आई थी। इसका परिणाम जनवरी के अंतिम सप्ताह में आएगा। दस लाख की आबादी वाले सर्वश्रेष्ठ 20 शहरों में कराए गए सर्वेक्षण में पहले स्थान पर इंदौर और दूसरे तथा तीसरे पर क्रमश: भोपाल और सूरत है। इलाहाबाद नौवें स्थान पर है। कानपुर और लखनऊ क्रमश: 15वें और 16वें स्थान पर है।

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वाराणसी नगर निगम के बेहतर प्रदर्शन पर प्रभारी नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह का कहना है कि शहर के लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नगर निगम कर्मचारियों के सहयोग का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आगे हम और बेहतर करें इसके लिए तैयारी चल रही है। हम हर स्तर पर अपनी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दूसरी त्रैमासिक रैंकिंग है। अभी फाइनल बाकि है। उन्होंने बताया कि यह सर्वेक्षण सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़ा के पृथक्कीकरण पर किया गया है। इसमें कूड़ा से खाद बनाने की प्रक्रिया शामिल है। उन्होंने बताया कि कूड़ा से खाद बनाने की प्रक्रिया को और लोकप्रिय बनाया जाएगा। जिससे स्वच्छता भी बढ़ेगी और रैंकिंग भी।

और बेहतर करने से सुधरेगी रैंकिंग : नगर निगम प्रशासन कूड़ा और सीवर को बेहतर बनाकर अपनी रैंकिंग को और सुधार सकता है। अभी स्थिति यह है कि आधे से अधिक शहर में सीवर ओवरफ्लो कर रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन अच्छे से प्रभावी नहीं है। साथ ही सफाई की व्यवस्था जितना निगम प्रशासन प्रयास कर रहा है। उतना गलियों में नहीं दिख रहा है। इतना ही नहीं गीले कूड़े और सूखे कूड़े को भी अलग करने के लिए नगर निगम और स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से लोगों को जागरूक करने का प्रयास मजबूती से नहीं किया जा रहा है।


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