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वाराणसी विकास प्राधिकरण सहेजेगा मुंशी प्रेमचंद की स्मृतियां, साज- संवार के लिए बना रहा 35 लाख का प्रोजेक्ट

अब तक वाराणसी में मुंशी प्रेमचंद का आवास व स्मारक ग्राम पंचायत के अधीन था लेकिन संरक्षण की दिशा में कोई प्रयास नहीं दिखा। ऐसे में दोनों स्थलों को वीडीए के अधीन दिया जा रहा है ताकि संरक्षण हो सके।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 01:16 PM (IST)
वाराणसी विकास प्राधिकरण सहेजेगा मुंशी प्रेमचंद की स्मृतियां, साज- संवार के लिए बना रहा 35 लाख का प्रोजेक्ट
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद से जुड़े स्मृति स्थलों को अब विकास प्राधिकरण सहेजेगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद से जुड़े स्मृति स्थलों को अब विकास प्राधिकरण सहेजेगा। मुंशी जी का लमही स्थित आवास व स्मारक उसके अधीन होगा। साहित्यिक महत्व के इस स्थल का प्राधिकरण सुंदरीकरण और सुदृढ़ीकरण कराएगा। जिला प्रशासन की ओर से हरी झंडी मिलने के साथ ही इसका खाका खींचा जाने लगा है। इस खास प्रोजेक्ट पर लगभग 35 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए धन की व्यवस्था संस्कृति मंत्रालय की ओर से की जाएगी।

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दरअसल, मुंशी प्रेमचंद के लमही स्थित आवास व स्मारक का जीर्णोद्धार 2005 में जारी धन से वीडीए ने ही कराया था। इसके बाद से भवन-परिसर ग्राम पंचायत के अधीन था। हालांकि संरक्षण की दिशा में इस दौरान कुछ खास किया नहीं जा सका।

गांव शहरी सीमा में शामिल होने के बाद जिला प्रशासन ने इसे वीडीए को देने का निर्णय लिया है ताकि इसकी महत्ता के अनुरुप सांज संवार के साथ ही नियमित निगरानी की जा सके।

बिजली कटने पर उठा था वारिस का मसला, आज भी अंधेरा कायम

मुंशी प्रेमचंद के आवास-स्मारक की का कनेक्शन अवैध करार देते हुए बिजली ने दो साल पहले काट दिया था। जयंती से ठीक दो दिन पहले की गई इस कार्रवाई को लेकर हड़कंप मच गया था। इसके बाद से वारिस की तलाश की जा रही थी। बाद में इसे संस्कृति विभाग को भी देने का प्रस्ताव आया, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी विहीन विभाग होने से बात आगे नहीं बढ़ सकी। फिलहाल अभी भी बिजली संकट बरकरार है। उनके आवास में किसी खास मौके पर ही रोशनी हो पाती है।

दोनों स्थलों को वीडीए के अधीन दिया जा रहा है ताकि संरक्षण हो सके

अब तक मुंशी प्रेमचंद का आवास व स्मारक ग्राम पंचायत के अधीन था, लेकिन संरक्षण की दिशा में कोई प्रयास नहीं दिखा। ऐसे में दोनों स्थलों को वीडीए के अधीन दिया जा रहा है ताकि संरक्षण हो सके।

- कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी


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