Varanasi City Weather Update : वाराणसी से विदा हुआ मानसून, बढ़ चला दक्षिण भारत की ओर
जून में समय से एक सप्ताह पहले ही पूर्वांचल में आया मानसून शनिवार को वाराणसी से गुजर गया हो गया। ऐसे में अब यहां पर बारिश की संभावना न के बराबर हो गई है। हवा का रूख भी बदल गया है। अब उत्तर-पश्चिमी हवा चल रही थी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जून में समय से एक सप्ताह पहले ही पूर्वांचल में आया मानसून शनिवार को वाराणसी से गुजर गया हो गया। ऐसे में अब यहां पर बारिश की संभावना न के बराबर हो गई है। हवा का रूख भी बदल गया है। अब उत्तर-पश्चिमी हवा चल रही थी। वह भी सरफेस पर ही। ऐसे में अब नमी आने की भी उम्मीद कम ही है। हां, गर्मी अधिक होने पर आसमान में बादल जरूर छा सकते हैं। वहीं दक्षिण भारत में ही बारिश के आसार है। इसके अलावा मौसम में बदलाव हुआ तो जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में बरसात हो सकती है।
तेज धूप व कभी-कभी बादल छाने से दिन में कई दिनों बाद गर्मी बढ़ गई थी। कारण कि अधिकतम तापमान भी बढ़ गया है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान जहां 31.8 डिग्री सेल्सियस ही था जो बढ़कर 34.4 डिग्री तक पहुंच गया। हालांकि न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। एक दिन पहले न्यूनतम पारा जहां 23.8 डिग्री था वहीं घटकर 31.1 पर आ गया। इसके कारण रात में अब सिहरन बढ़ने लगी है।
प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि विश्व में करीब 54 फीसद आसमान बादल से ढका रहता है। इसका मतलब यह नहीं की बारिश जरूर होगा। उन्होंने बताया कि यही स्थिति वाराणसी एवं आसपाल के क्षेत्रों में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मानसून काशी व पूर्वांचल से मानसून चला गया है। इसके कारण अब बारिश की संभावना न के बराबर रह गई है। हां, हवा में अगर जब नमी आएगी तो आसमान में बादल छा सकते हैं। इससे पहले शुक्रवार को पूरे दिन तेज धूप व बादलों का खेल जारी रहा। यही वजह है कि करीब तीन डिग्री सेल्सियस तक अधिकतम तापमान गिर गया। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान में भी मामूली गिरावट दर्ज की गई। इससे कारण एसी, कूलर बंद करने की नौबत आ जा रही है। इससे पहले मौसम में मामूली बदलाव होने के कारण बुधवार की सुबह आसमान में बादल छाए थे। हालांकि करीब साढ़े दस बजे के बाद फिर से आसमान साफ हो गया था। कारण कि मानसून अब समाप्ति की ओर है। बुधवार को मानसून सौराष्ट्र व पश्चिमी राजस्थान से गुजर रहा था। अब पूर्वांचल से भी गुजर ही गया है। अभी भी जमीन से 900 मीटर तक ही पछुआ हवा चल रही है।
कुछ यूं उतरने लगा है पारा
तिथि अधिकतम न्यूनतम
09 अक्टूबर 34.4 23.1
08 अक्टूबर 31.8 23.8
07 अक्टूबर 34.8 24.0
06 अक्टूबर 34.2 23.6
05 अक्टूबर 32.8 23.8
04 अक्टूबर 34.6 21.0
03 अक्टूबर 34.0 21.4
02 अक्टूबर 27.8 21.4
01 अक्टूबर 29.0 22.4
30 सितंबर 33.6 22.7
29 सितंबर 34.6 23.2
28 सितंबर 35.0 23.4
27 सितंबर 35.2 24.3