Move to Jagran APP

Varanasi City Weather Update : पूर्वांचल में फिर बादलों की होगी सक्रियता, गलन का भी शुरू होगा दौर

Varanasi City Weather Update बुधवार की सुबह आसमान साफ रहा तो अंचलों में कोहरा भी रहा। दिन चढ़ने के साथ आसमान साफ होता गया और सूरज की रोशनी धरती तक पहुंचती रही। धूप खिली तो लोग धूप भी सेंकते नजर आए। तापमान में उतार चढ़ाव शुरू जारी रहेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 12:05 PM (IST)
Varanasi City Weather Update : पूर्वांचल में फिर बादलों की होगी सक्रियता, गलन का भी शुरू होगा दौर
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात से पूर्वांचल में फिर बादलों की होगी सक्रियता, गलन का भी शुरू होगा दौर।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल का मौसम एक बार फिर से बदलाव की ओर बढ़ रहा है। अगले 24 से 48 घण्टों में बंगाल की खाड़ी से बादलों की सक्रियता का असर पूर्वांचल तक हो सकता है। इसकी वजह से बूंदाबांदी और बादलों की आवाजाही का भी दौर हो सकता है। जबकि यूरोप से आने वाली पछुआ हवाओं का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अब पूर्वी उत्तर प्रदेश तक शुरू हो चुका है। जिसकी वजह से सुबह और शाम को पारा गिरने लगा है।

loksabha election banner

बुधवार की सुबह आसमान साफ रहा तो अंचलों में कोहरा भी रहा। दिन चढ़ने के साथ आसमान साफ होता गया और सूरज की रोशनी धरती तक पहुंचती रही। धूप खिली तो लोग धूप भी सेंकते नजर आए। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में उतार चढ़ाव शुरू होगा और ठंडी हवाओं का अनवरत क्रम सुबह शाम जारी रहेगा। जबकि पछुआ हवाओं का जोर होने से रात को पारा काफी नीचे चला जायेगा। 

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य रहा। न्यूनतम तापमान 10.9 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 89 फीसद और न्यूनतम 65 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में छत्तीसगढ़ की ओर से बंगाल की खाड़ी होते हुए बादलों के टुकड़े पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह साम्यावस्था एक खतरे का संकेत दे रही है। जल्द ही ठंड की एक तेज लहर पूरे उत्तर भारत को ठिठुराने वाली है, मगर अब तक के मौसमी रूझान इसके उलट तस्वीर बयां करते नजर आ रहे हैं।

बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ठंड वाले प्रचंड कोहरे की शुरूआत अभी दो सप्ताह के बाद आएगा। यह संतुलित मौसम बेहद चौंकाने वाला है, क्योंकि अब तक कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है। इससे हिमालयी क्षेत्र में हो रहे स्नो फाल का असर बनारस तक नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने बताया कि गेहूं की बुवाई व खेती के लिए इसके पानी का उपयोग होता है, जिससे कृषि पर भी एक खतरा मंडरा रहा है। एक अच्छी बारिश अब तक हो जानी थी, मगर मौसम में अब काफी देर हो रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.