Varanasi City Weather Forecast : बारिश के बावजूद उमस से राहत नहीं, दो दिन में सिर्फ 40 मिमी ही बरसात
वाराणसी और आसपास के इलाकों में दो दिनाें में करीब 40 मिमी ही बारिश हुई और उमस की स्थिति जस की तस बनी हुई है। शनिवार को भी सुबह से ही आसमान में बादल छाए है।
वाराणसी, जेएनएन। जून के दूसरे पखवारे से ही लगातार बारिश हो रही है। बावजूद इसके उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। गुरुवार एवं शुक्रवार को मिलाकर करीब 40 मिमी बारिश हुई लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। शनिवार को भी सुबह से ही आसमान में बादल छाए है। हां, तापमान में मामूली घटाव जरूर हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि पूर्वांचल में बारिश की स्थिति अभी दो-तीन तक बनी रहेगी।
इस साल मानसून करीब एक सप्ताह पहले ही यहां आ गया था, जिसका असर अब भी जारी है। पूर्वांचल से ही मानसून पास होकर अन्य राज्यों में जा रहा है। इसके कारण यहां पर प्रतिदिन हल्की या तेज बारिश हो रही है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। यही वजह है कि बारिश की संभावना बरकरार है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने बाद अब घटने लगा
दो दिन बढ़ाव के बाद गंगा का जलस्तर भी अब घटने लगा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 60.70 मिमी था। वहीं शाम छह बजे तक घटकर 60.69 मिमी हो गया था।
वाराणसी में तापमान
33.0 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान
24.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान
92 प्रतिशत अधिकतम आर्द्रता
62 प्रतिशत न्यूनतम आद्रता
अच्छी बारिश खरीफ अभियान की प्रमुख धान सहित सभी फसल के लिए लाभकारी
शुरूआती बारिश का लाभ किसानों को मिला है। तमाम किसानों ने धान की रोपाई का कार्य पूरा कर लिया है। इसके साथ ही मिट्टी में पर्याप्त नमी आने से ऊंचाई वाले क्षेत्रों ने खरीफ की अन्य फसलों की बोआई भी हो गई।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज पांडेय के अनुसार जून में अच्छी बारिश खरीफ अभियान की प्रमुख धान सहित सभी फसल के लिए लाभकारी है। धान की रोपाई शुरू हो चुकी है तो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अन्य जो भी उरद, तिल, ज्वार, अरहर की फसल की बोआई हो चुकी है उन्हें फायदा पहुंचा है। हालांकि जुलाई में यदि थोड़ा मौका मिल जाय तो जहां अन्य फसल नहीं बोई गई है वहां बोआई पूरा हा जाएगा।