वाराणसी कैंट स्टेशन को मिलेगी विश्वस्तरीय पहचान, यात्री सुविधा में होगा विस्तार से स्काईवाक को मिली हरी झंडी
कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) पर जल्द ही यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी। यहां प्रस्तावित स्काईवाक(आकाशीय पुल) को उत्तर रेलवे मुख्यालय से हरी झंडी मिल गई है। कार्यदाई संस्था का चयन भी हो गया है। महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने राइट्स से निर्माण खर्च का ब्योरा मांगा है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) पर जल्द ही यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी। यहां प्रस्तावित स्काईवाक(आकाशीय पुल) को उत्तर रेलवे मुख्यालय से हरी झंडी मिल गई है। कार्यदाई संस्था का चयन भी हो गया है। महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने राइट्स से निर्माण खर्च का ब्योरा मांगा है।
इस परियोजना के तहत सभी चार फूट ओवरब्रिज (एफओबी) को आपस में जोड़कर एक नया ब्रिज बनाया जाएगा। लखनऊ मंडल कार्यालय से परियोजना की रूपरेखा तैयार कर नई दिल्ली मुख्यालय भेज दिया गया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब परियोजना को मूर्तरूप देने की कवायद चल रही है।
स्काईवॉक से जहां यात्रियों को सुविधा मिलेगी, वहीं कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) का कद भी बढ जाएगा। पहले से मौजूद दो फूट ओवरब्रिज (ओल्ड एफओबी और न्यू एफओबी) का आपस में कोई जुड़ाव नहीं है। लिहाजा, एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए यात्रियों को पुल से नीचे उतरना पड़ता है। कभी - कभी ट्रेनों का प्लेटफॉर्म बदलने के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यात्रियों को सीढ़िया चढ़कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म की तरफ दौड़ना पड़ता है।
आपस में जुड़ेंगे फूट ओवरब्रिज
स्काईवॉक परियोजना के तहत कैंट स्टेशन पर फूट ओवरब्रिज को आपस में जोड़ा जाएगा। दो एफओबी पहले से ही मौजूद हैं। विस्तारित भवन से तीसरे फूट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वहीं, मालगोदाम क्षेत्र में प्रस्तावित प्लैटफार्म नंबर 10 और 11 के लिए फूट ओवरब्रिज का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। सभी फूट ओवरब्रिज आपस में जोड़ दिए जाएंगे। पहले चरण में परियोजना का प्रारूप स्वीकार कर लिया गया है। अब अनुमति मिलने के बाद जमीनी स्तर पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
कैंट स्टेशन पर एक स्काईवॉक बनाने का प्रस्ताव है
कैंट स्टेशन पर एक स्काईवॉक बनाने का प्रस्ताव है। प्रोजेक्ट स्वीकार कर लिया गया है। वर्क ऑर्डर मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
- पीयूष पाठक, एईएन वाराणसी।