स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 : कचरा मुक्त हुआ वाराणसी, 20 नवंबर को परिणाम होगा घोषित
कचरा प्रबंधन की दिशा में बनारस ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। शहर को कचरा मुक्त की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुरस्कृत करने जा रहे हैं। बनारस प्रदेश का अकेला जिला बना है जिसे राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कचरा प्रबंधन की दिशा में बनारस ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। शहर को कचरा मुक्त की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुरस्कृत करने जा रहे हैं। 20 नवंबर को दिल्ली के राजभवन में समारोह का आयोजन होने जा रहा है। कचरा मुक्त शहर की श्रेणी में बनारस प्रदेश का अकेला जिला बना है जिसे राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने जा रहा है।
पुरस्कार लेने के लिए महापौर मृदुला जायसवाल व नगर आयुक्त प्रणय सिंह के साथ मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह व अधिशासी अभियंता अजय कुमार दिल्ली जाएंगे। 20 नवंबर को ही राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का परिणाम भी घोषित किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर दो श्रेणियों में बनारस को प्रदेश में वह सम्मान मिल रहा है जिसके लिए अन्य शहर पिछड़ गए। गारबेज फ्री सिटी और सफाई मित्र चैलेंज की श्रेणी में बनारस को राष्ट्रपति अवार्ड के लिए चुना गया है। प्रदेश में 13 शहर व कैंट क्षेत्रों को बेहतर कार्य के लिए शामिल किया गया है। बनारस ने राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद समेत अन्य शहरों को पीछे छोड़ दिया है। 20 नवंबर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बनारस को यह पुरस्कार देंगे। विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में महापौर मृदुला जायसवाल व नगर आयुक्त प्रणय सिंह यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे। इस समारोह में नगर निगम से चार प्रतिनिधि शामिल होंगे। दो अन्य प्रतिनिधि में नगर आयुक्त ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह व अधिशासी अभियंता अजय कुमार को मनोनीत किया है। बनारस का कैंटोंमेंट क्षेत्र इस सूची में 13वें स्थान पर है। दूसरे स्थान पर हापुड़, तीसरे स्थान पर मेरठ, चौथे स्थान पर गाजियाबाद, पांचवें स्थान पर नोएडा, छठे स्थान पर लखनऊ, सातवें स्थान पर पटियाली, आठवें स्थान पर गजरौला, नौवें स्थान पर हसनपुर, 10वें स्थान पर अलीगढ़, 11वें स्थान पर कन्नौज, 12वें स्थान पर मेरठ कैंट शामिल हैं। मार्च 2021 में शहरी विकास मंत्रालय की टीम ने शहर के कूड़ा घरों का सर्वेक्षण किया था। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए वाराणसी नगर निगम को शामिल किया गया है। 20 नवंबर को राष्ट्रपति पुरस्कार देंगे। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाला वाराणसी प्रदेश का अकेला शहर है। इस खुशी के लिए नगर निगम के अफसर, कर्मचारी, संस्थाएं व यहां के नागरिक सहभागी बने हैं।
सर्वेक्षण 2020 में 27 वां स्थान
सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट में वाराणसी की हालत पहले से काफी सुधरी। देश में वाराणसी शहर को 3684.20 अंकों के साथ 27 वां स्थान मिला। वर्ष 2019 वर्ष में 70 वां स्थान था। वर्ष 2020 में वाराणसी ने 43 पायदान की छलांग लगाई। यूपी के सात शहरों में बनारस शहर छठें स्थान आ गया था। वर्ष 2020 के सर्वेक्षण परिणाम में लखनऊ नंबर एक पर है। आगरा नंबर दो, गाजियाबाद नंबर तीन, प्रयागराज नंबर चार, कानपुर नंबर पांच और वाराणसी नंबर छह था। इसके अलावा मेरठ नंबर सात पर है।
विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण
स्वच्छ सर्वेक्षण विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण के लिए 4242 शहर कवर किए जाते हैं। 1.9 करोड़ नागरिकों से प्रतिक्रिया एकत्र होती है। लगातार चौथी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनने की सूची में इंदौर नंबर वन रहा है।