UP Tourism ने वाराणसी के आध्यात्मिक पक्ष पर जारी किया पोस्टर, कहा- 'यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा'
रविवार को यूपी पर्यटन के आधिकारिक इंटरनेट मीडिया हैंडल की ओर से वाराणसी के आध्यात्मिक महत्व पर पोस्टर जारी किया गया है। पोस्टर जारी करने के साथ ही काशी के धार्मिक आध्यात्मिक महत्व के पक्ष पर टिप्पणी भी जारी की गई है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की समाप्ति के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी के क्रम में यूपी पर्यटन ने भी अब मोर्चा संभाल लिया है। बीते कुछ दिनों से यूपी के प्रमुख पर्यटन स्थलों के अलावा यहां की खूबसूरती का बखान कर देश भर के पर्यटकों को जानकारी दी जा रही है। बीते दिनों पूर्वांचल में विंध्य पर्वत माला में मौजूद पहाड़ी नदी और झरनों की तस्वीर के जरिए पर्यटकों को मानसून के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश की पर्यटन की विरासत को इंटरनेट मीडिया में साझा किया था। अब पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बारे में पोस्ट जारी कर यहां के आध्यात्मिक महत्व को भी बताया गया है।
रविवार को यूपी पर्यटन के आधिकारिक इंटरनेट मीडिया हैंडल की ओर से वाराणसी के आध्यात्मिक महत्व पर पोस्टर जारी किया गया है। पोस्टर जारी करने के साथ ही काशी के धार्मिक आध्यात्मिक महत्व के पक्ष पर टिप्पणी भी जारी की गई है। यूपी पर्यटन ने पोस्ट के साथ लिखा है कि - 'बनारस की डेहरी पर आध्यात्मिक चिंतन और ईश्वर की स्तुति करना मन को अपार शांति प्रदान करता है। गली कूचे के किसी एकांत स्थान पर बैठकर जीवन के विभिन्न परिदृश्यों का तल्लीनता के साथ अवलोकन करना इत्यादि ही तो वाराणसी की परम अनुभूति है।'
पोस्ट के साथ जारी पोस्टर में एक साधु को झांकीनुमा बंद कमरे में आध्यात्मिक गतिविधियों में रत दिखाया गया है। गेरुआ वस्त्र के साथ साधु का आध्यात्मिक भाव इस पोस्टर की विशेषता है। लोगों ने भी इस पोस्टर में काफी रुचि दिखाई और काशी के आध्यात्मिक पक्ष को लेकर अपने भावों को भी साझा कर 'काशी कबहुं न छाेड़िए...' का महत्व भी रेखांकित किया है। मानसून की शुरुआत के साथ ही काशी में धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का दौर भी शुरू हो गया है। यूपी पर्यटन द्वारा पोस्ट के साथ #UPNahiDekhaTohIndiaNahiDekha और #Varanasi का हैशटैग भी जारी किया गया है।