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वाराणसी में गंगा घाट की संस्‍कृति पर यूपी पर्यटन ने जारी किया पोस्‍टर, बताया चिंतन मनन की जगह

गंगा नदी के किनारे घाट पर छतरी ही काशी की पहचान रही है। पुजारी और पंडोंं के तख्‍ते पर आने वाले लोग छतरी की छांव में बैठकर गंगा की छवि को निहारते हैं तो घाट पर स्‍नान करके आने के बाद छतरी के तले चंदन लगवाने भी पर्यटक आते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 11:12 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 03:09 PM (IST)
वाराणसी में गंगा घाट की संस्‍कृति पर यूपी पर्यटन ने जारी किया पोस्‍टर, बताया चिंतन मनन की जगह
वाराणसी में गंगा नदी के किनारे घाट पर छतरी ही काशी की पहचान रही है।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर बीतने के बाद यूपी में पर्यटन को गति देने के लिए यूपी पर्यटन की ओर से नित नए पोस्‍टर जारी कर पर्यटकों को स्‍थान विशेष के बारे में जानकारी दी जा रही है। कोरोना काल के बाद अब पर्यटन के जरिए यूपी आने के लिए लोगों को लुभाने के लिए यूपी पर्यटन की ओर से बुधवार को वाराणसी में गंगा घाट पर पोस्‍टर जारी कर गंगा में घाट संस्‍कृति का बखान किया गया है।

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गंगा घाट काशी की पहचान : वाराणसी में गंगा नदी के किनारे घाट पर छतरी ही काशी की पहचान रही है। पुजारी और पंडोंं के तख्‍ते पर आने वाले लोग छतरी की छांव में बैठकर गंगा की छवि को निहारते हैं तो घाट पर स्‍नान करके आने के बाद छतरी के तले चंदन लगवाने भी पर्यटक आते हैं। वहीं दूसरी ओर दोपहर में जब पर्यटकों की कमी हो जाती है तो छतरी के नीचे बैठकर लोग गपबाजी करने और फुर्सत के लम्हों हो यहां गुजारते हैं। चिंतन मनन से लेकर घाट की संस्‍कृति का यह छतरी पहचान रहे हैं। 

यूपी पर्यटन ने लिखा : यूपी पर्यटन की ओर से जारी पोस्‍टर के साथ लिखा है कि - 'चाहे कोई पर्यटक हो या फिर कोई तीर्थयात्री, बनारस के गंगा घाट पर बिताया समय उन्हें हमेशा याद रहता है। बनारसी अक्सर फुरसत के पलों में यहां बैठकर चिंतन मनन करते हैं, अपने यारों दोस्तों, सगे संबंधियों के साथ बैठकर ढेर सारे गप्पे लड़ाते हैं।'

पोस्‍ट के साथ हैशटैग : पोस्‍ट के साथ ही Varanasi और UPNahiDekhaTohIndiaNahiDekha को हैशटैग किया गया है।

लोगों ने किया शेयर : बनारस की गंगा घाट आधारित संस्‍कृति पर जारी पोस्‍टर को काफी लोगों ने शेयर कर बनारस की संस्‍कृति पर अपने विचार व्‍यक्‍त किए हैं।   


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